लाइव न्यूज़ :

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप

By भाषा | Published: September 07, 2020 3:19 PM

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि नई शिक्षा नीति में इस बात पर बल दिया गया है कि हम सबको भारतीय जीवन-मूल्यों पर आधारित आधुनिक शिक्षा प्रणाली विकसित करनी है।

Open in App
ठळक मुद्देरामनाथ कोविंद ने कहा कि प्रयास करना है कि सभी को उच्च गुणवत्ता से युक्त शिक्षा प्राप्त हो तथा एक जीवंत व समता-मूलक ज्ञान आधारित समाज का निर्माण हो।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि 2020 की इस शिक्षा नीति में इस लक्ष्य तक शीघ्रता से पहुंचने की अनुशंसा की गयी है

नयी दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल एक नीतिगत दस्तावेज नहीं है, बल्कि भारत के शिक्षार्थियों एवं नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है और यह 21वीं सदी की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं के अनुरूप देश के लोगों, विशेषकर युवाओं को आगे ले जाने में सक्षम होगी।

नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ शिक्षा के माध्यम से हमें ऐसे विद्यार्थियों को गढ़ना है जो राष्ट्र-गौरव के साथ-साथ विश्व-कल्याण की भावना से ओत-प्रोत हों और सही अर्थों में वैश्विक नागरिक बन सकें।’’ उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के आकलन के अनुसार, भारत के कार्यबल में 5 प्रतिशत से भी कम लोगों ने औपचारिक व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त की थी।

यह संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका में 52 प्रतिशत, जर्मनी में 75 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया में 96 प्रतिशत थी। कोविंद ने कहा, ‘‘ भारत में व्यावसायिक शिक्षा के प्रसार में तेजी लाने की आवश्यकता को देखते हुए यह तय किया गया है कि स्कूल तथा उच्च शिक्षा प्रणाली में वर्ष 2025 तक कम से कम 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ नयी राष्ट्रीय शिक्षा शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं, कला और संस्‍कृति को प्राथमिकता दी गई है। इससे विद्यार्थियों में सृजनात्‍मक क्षमता विकसित होगी और भारतीय भाषाओं की ताकत और बढ़ेगी। विविध भाषाओं वाले हमारे देश की एकता को अक्षुण्ण बनाए रखने में इससे मदद मिलेगी।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि 1968 की शिक्षा नीति से लेकर इस शिक्षा नीति तक, एक स्वर से निरंतर यह स्पष्ट किया गया है कि केंद्र व राज्य सरकारों को मिलकर सार्वजनिक शिक्षा के क्षेत्र में जीडीपी के 6 प्रतिशत निवेश का लक्ष्य रखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 2020 की इस शिक्षा नीति में इस लक्ष्य तक शीघ्रता से पहुंचने की अनुशंसा की गयी है। कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह स्पष्ट किया गया है कि सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली ही जीवंत लोकतान्त्रिक समाज का आधार होती है। अतः सार्वजनिक शिक्षण संस्थानों को मजबूत बनाना अत्यंत आवश्यक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति में इस बात पर बल दिया गया है कि हम सबको भारतीय जीवन-मूल्यों पर आधारित आधुनिक शिक्षा प्रणाली विकसित करनी है। साथ ही यह भी प्रयास करना है कि सभी को उच्च गुणवत्ता से युक्त शिक्षा प्राप्त हो तथा एक जीवंत व समता-मूलक ज्ञान आधारित समाज का निर्माण हो। 

टॅग्स :रामनाथ कोविंदइंडियानई शिक्षा नीति
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपरमाणु युद्ध हुआ तो दुनिया में सिर्फ दो देशों में ही जीवन बचेगा, लगभग 5 अरब लोग मारे जाएंगे, होंगे ये भयावह प्रभाव, शोध में आया सामने

क्रिकेटIND vs BAN वॉर्म अप मैच की तारीख घोषित, जानें कब और कहां देखें मैच

भारतविदेश मंत्री जयशंकर ने बताई 'मोदी जी ने वार रुकवा दी पापा' के पीछे की असली कहानी, जानें पीएम ने युद्ध रोकने के लिए क्या किया

विश्वप्रमोद भार्गव का ब्लॉग: चाबहार बंदरगाह पर अमेरिका क्यों बेचैन?

क्राइम अलर्टब्लॉग: अपराधी लंबे समय तक नहीं बचता

भारत अधिक खबरें

भारतMumbai LS Polls 2024: वर्ली बूथ में शौचालय के अंदर मृत मिला शिवसेना (यूबीटी) का पोलिंग एजेंट, पार्टी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया

भारतLok Sabha Elections 2024: 5वें चरण में 57% से अधिक मतदान हुआ, पश्चिम बंगाल 73% मतदान के साथ आगे

भारतVIDEO: 'मोदी के भक्त हैं प्रभु जगन्नाथ',संबित पात्रा के कथित विवादित बयान ओडिशा कांग्रेस ने की माफी की मांग

भारतBihar Lok Sabha Polls 2024: बिहार में शाम 5 बजे तक कुल 52.35% हुआ मतदान

भारतHeat Wave In Delhi: हीटवेव का रेड अलर्ट, दिल्ली के सभी स्कूलों को बंद करने का निर्देश जारी