गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या के संबोधन में बोले राष्ट्रपति, 'इतिहास पर असहमत होते हुए भी हमें साथ रहना चाहिए', 7 प्रमुख बातें 

By खबरीलाल जनार्दन | Updated: January 25, 2018 20:11 IST2018-01-25T19:28:07+5:302018-01-25T20:11:55+5:30

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 'हम सब का सपना है कि भारत एक विकसित देश बने। इसके अलावा उनके भाषण की प्रमुख बातें ये रहीं।

president ramnath kovind first speech on republic day eve, history | गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या के संबोधन में बोले राष्ट्रपति, 'इतिहास पर असहमत होते हुए भी हमें साथ रहना चाहिए', 7 प्रमुख बातें 

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या के संबोधन में बोले राष्ट्रपति, 'इतिहास पर असहमत होते हुए भी हमें साथ रहना चाहिए', 7 प्रमुख बातें 

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति ने 69वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम संबधोन किया। इसमें उन्होंने देश के आम नागरिकों से लेकर सैनिक, पुलिस व अर्ध सैनिक, वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, सफाई कर्मचारियों, आदिवासियों तक के योगदान को अहम बताया। उन्होंने कहा, 'इतिहास पर भी हम एक दूसरे से असहमत हो सकते हैं। लेकिन फिर भी हमें साथ होना चाहिए।' इसके अलावा उनके भाषण की प्रमुख बातें ये रहीं-

स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण को किया याद

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'देश की आजादी के बाद सेनानी चाहते तो आराम कर सकते थे। लेकिन वे रुके नहीं। उन्होंने संविधान बनाया। वे दूरदर्शी थे। उन्होंने देश में कानून के द्वारा शासन और शासन के लिए कानून बनाए। हमें उन कानूनों का पालन करना चाहिए। इसके पीछे कितने सेनानियों की जान गई है।

राष्ट्र निर्माण और महिलाओं के उत्‍थान की जरूरत

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'सरकार कानून बना सकती है। लेकिन कानून तभी कारगर होंगे जब समाज और परिवार इन्हें लागू करेंगे। ऐसे में बेटियों को आगे जाने के लिए परिवारों को आगे आना पड़ेगा।'

शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत बताई

देश के नाम संबोधन में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'साक्षरता हमने बढ़ा ली है। लेकिन हम उन्हें ऑटोमेशन, रोबोटिक्स में हमें आगे जाना होंगे। ताकि हम विश्वस्‍तर पर अपनी जगह बना सकें। इसके लिए सरकार ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। प्रतिभावन छात्रों को इसका लाभ उठाना चाहिए।'

कुपोषण को बताया चुनौती

राष्‍ट्रपति के मुताबिक, 'अभी भी कुपोष‌ण चुनौती बनी हुई हैं। गांव-मोहल्ले और शहरी क्षेत्रों में यह चुनौती बनी हुई है। इसके लिए संपत्ति परिवारों को चाहिए को वे सब्‍सिडी छोड़ें। ताकि उसका फायदा जरूरतमंदों को मिले। कारीगरों के लिए और आगे बढ़ाने की जरूरत है।'

बोले गरीबी को जड़ मिटाना हमारा कर्तव्य

राष्ट्रपति के अनुसार, 'हम सब का सपना है कि भारत एक विकसित देश बने। मुझे उम्मीद है कि हमारे युवा अपनी कल्पना और आकांक्षा से इसे वहां पहुंचाएंगे।'

किसानों पर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत बताई

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 'हमें सामरिक निर्माण क्षेत्र को और मजबूत करने की जरूरत है। हमें किसानों के लिए और ज्यादा मौके बनाने चाहिए। उनके बिना हम अपने देश को आगे नहीं ले पाएंगे।'

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