सुलतानपुर जिले का नाम कुशभवनपुर करने की तैयारी
By भाषा | Published: August 27, 2021 11:13 PM2021-08-27T23:13:23+5:302021-08-27T23:13:23+5:30
सुलतानपुर जिले का नाम भगवान राम के ज्येष्ठ पुत्र कुश के नाम पर ‘कुशभवनपुर’ करने के शासन को भेजे गए नगरपालिका के प्रस्ताव को राजस्व परिषद ने भी हरी झंडी दे दी है। सुल्तानपुर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष बबिता जायसवाल ने बताया कि छह जनवरी 2018 को नगर पालिका परिषद की पहली बैठक में ही नाम परिवर्तन का प्रस्ताव रखा और सर्वसम्मत्ति से पास कराकर विधिक आख्या व ऐतिहासिक साक्ष्यों के साथ शासन को भेजा था। 24 अप्रैल 2018 को सुलतानपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन पर बोर्ड के प्रस्ताव के साथ एक प्रार्थना पत्र नाम परिवर्तन के सम्बन्ध में दिया था। छह दिसम्बर 2018 को तत्कालीन जिलाधिकारी ने भी नगर पालिका परिषद के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए शासन को आख्या भेजा था।उन्होंने बताया कि इसी प्रकार अभी लगभग तीन महीने पूर्व सुलतानपुर जिले के अंतर्गत बन रहे छह लेन मार्ग के निरीक्षण के समय भी मुख्यमंत्री को सुलतानपुर जिले का नाम परिवर्तन कर 'कुशभवनपुर' करने के लिए ज्ञापन दिया था। भारतीय जनता पार्टी की सुलतानपुर से सांसद मेनका गांधी के मीडिया प्रभारी ने बताया कि सुलतानपुर जिले का नाम 'कुशभवनपुर' करने के लिये यहाँ की जनता ने एक मांगपत्र दिया था, जिस पर सांसद मेनका गांधी ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की थी, वहीं लम्भुआ से विधायक देवमणि द्विवेदी ने सदन में यह मुददा उठाया था। उन्होंने बताया कि शासन ने नाम परिवर्तन पर राजस्व परिषद की राय मांगी। सूत्रों के मुताबिक अब राजस्व परिषद ने सुलतानपुर का नाम बदले जाने पर अपनी संस्तुति दे दी है, जिसके बाद अब कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की औपचारिकता शेष रह गई है। सुलतानपुर जिले का प्राचीन नाम ‘कुशभवनपुर’ है। अयोध्या के पड़ोस में बसे सुलतानपुर जिले के विषय में मान्यता है कि रामायणकाल में यह दक्षिण कौशल की राजधानी था। भगवान राम ने अपने राज्य का भाइयों व पुत्रों में बंटवारा कर दिया था। उन्होंने दक्षिण कौशल का शासन ज्येष्ठ पुत्र कुश को सौंपा था। कुश ने गोमती के तट पर राजधानी के स्वरूप में नई नगरी बसाई, जिसे ‘कुशभवनपुर’ के नाम से जाना जाता रहा। गजेटियर व अन्य ऐतिहासिक-धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक कालांतर में जब मुस्लिम आक्रांताओं ने देश पर आक्रमण किया, उसी दौरान अलाउद्दीन खिलजी ने 'कुशभवनपुर' नगर को ‘सुलतानपुर’ नाम दे दिया था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने पर जिले का नाम पुनः 'कुशभवनपुर' रखने की मांग जोर पकड़ने लगी। अप्रैल 2018 में सुलतानपुर नगर पालिकाध्यक्ष द्वारा बोर्ड की पहली बैठक में ही नए नामकरण का प्रस्ताव पारित कर न सिर्फ शासन को भेजा, बल्कि मुख्यमंत्री को इस आशय का ज्ञापन भी सौंपा था।
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