नई दिल्ली: कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की सोमवार को होने वाली बैठक से पूर्व पार्टी के अंदर अलग-अलग स्वर उभरने लगे हैं. वर्तमान सांसदों और पूर्व मंत्रियों के एक वर्ग ने सामूहिक नेतृत्व की मांग की है, वहीं दूसरा वर्ग चाहता है कि राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी हो.
अब सबकी नजरें पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर लगीं हुई हैं, जिन्होंने किसी गैर गांधी को कमान सौंपे जाने के संकेत दिए हैं. बैठक के हंगामेदार रहने के आसार हैं. बैठक में असंतुष्ट नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.
कुछ पूर्व मंत्रियों समेत दो दर्जन कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी से संगठन में बड़े बदलाव की मांग करते हुए उन्हें पत्र लिखा है, वहीं, राहुल के करीबी कुछ नेताओं ने सीडब्ल्यूसी को पार्टी प्रमुख के रूप में उनकी वापसी के लिए पत्र लिखा है. समझा जाता है कि पूर्व मंत्रियों और कुछ सांसदों ने कुछ सप्ताह पहले यह पत्र लिखा है.
हालांकि इस पत्र का विरोध भी शुरू हो गया है. पार्टी के सांसद मणिकम टैगोर ने राहुल गांधी की पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी की मांग की है. सीडब्ल्यूसी ने 2019 में सोनिया गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया था, क्योंकि राहुल ने इस पर बने रहने की सीडब्ल्यूसी की सर्वसम्मत अपील मानने से अस्वीकार कर दिया था.
शक्ति के विकेंद्रीकरण का आह्वान नेतृत्व परिवर्तन को लेकर पार्टी के भीतर चल रहे घमासान के बीच कुछ नेताओं ने शक्ति के विकेंद्रीकरण, प्रदेश इकाइयों के सशक्तिकरण और केंद्रीय संसदीय बोर्ड के गठन जैसे सुधार लाकर संगठन में बड़ा बदलाव करने का आह्वान किया है. केंद्रीय संसदीय बोर्ड 1970 के दशक तक कांग्रेस में था लेकिन उसे बाद में खत्म कर दिया गया.
फर्क नहीं पड़ता कि राहुल पर अध्यक्ष का ठप्पा है या नहीं : खुर्शीद
पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि पार्टी को चुनावों की जगह सर्वसम्मति को एक मौका देना चाहिए. राहुल गांधी को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का 'पूर्ण समर्थन' और 'भरोसा' हासिल है. इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि उन पर अध्यक्ष का ठप्पा है या नहीं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि गांधी कांग्रेस के नेता हैं. यहां तक कि विपक्ष भी इससे इनकार नहीं कर सकता.''
सोनिया जब तक चाहें कांग्रेस का नेतृत्व करें: अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस में गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देने वाले पार्टी के कुछ नेताओं के कदमों का विरोध करते हुए कहा है कि इस तरह का मुद्दा उठाने का यह समय नहीं है. सोनिया गांधी जब तक चाहती हैं, उन्हें कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए, इसके बाद राहुल गांधी को पद की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए क्योंकि वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह योग्य हैं.
राहुल फिर से संभाले कांग्रेस की कमान : बघेल