सत्ता में आने के बाद बिहार कैबिनेट की बैठक नहीं हुई है क्या?, आखिर 10 लाख नौकरी कब, प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश और तेजस्वी यादव पर कसा तंज
By एस पी सिन्हा | Published: November 13, 2022 06:40 PM2022-11-13T18:40:25+5:302022-11-13T18:41:24+5:30
चुनाव रणनीतिकार और राजनीतिक नेता प्रशांत किशोर ने खुद के चुनाव लड़ने की संभावना से शनिवार को इनकार किया लेकिन अपने गृह राज्य बिहार के लिए एक ‘‘बेहतर विकल्प’’ बनाने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराई।
पटनाः बिहार में पदयात्रा कर रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से बेहद तीखे सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा है कि तेजस्वी यादव की कलम की स्याही सूख गई है या फिर उनके सत्ता में आने के बाद बिहार में कैबिनेट की कोई बैठक ही नहीं हुई है?
प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव 2020 से लगातार ये कहते रहे हैं कि जैसे ही वे बिहार की सत्ता में आयेंगे तो पहला साइन 10 लाख नौकरी देने की फाइल पर करेंगे। बिहार में कैबिनेट की बैठक में सबसे पहला प्रस्ताव 10 लाख नौकरी देने का आयेगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव कहते रहे हैं कि कैबिनेट की पहली बैठक में नियोजित शिक्षकों को परमानेंट कर दिया जायेगा।
ठेके पर नौकरी करने वाले को पक्की सरकारी नौकरी दे दी जायेगी। अब जब वे सत्ता में आ गये हैं इन घोषणाओं का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव या नीतीश कुमार जनता की आंखों में खुलेआम धूल इसलिए झोंक रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि चुनाव में कोई इसे याद नहीं रखेगा। जनता वोट जाति और धर्म के नाम पर ही करेगी।
अगर जनता उनके छलावे को याद रखा रखती तो कोई नेता झूठ बोलकर सत्ता में नहीं आता। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे बार-बार ये कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ने अगर एक साल में 10 लाख नौकरी दे दी तो वे अपनी जन सुराज यात्रा रद्द कर देंगे और नीतीश कुमार के लिए जनता के बीच प्रचार करने में जुट जायेंगे।
‘आईपैक’ के संस्थापक से बार-बार पूछा गया कि क्या वह खुद चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं चुनाव क्यों लड़ूंगा, मेरी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है।’’ क्या ‘‘जन सुराज’’ अभियान को राजनीतिक दल में बदला जाए या नहीं। किशोर राज्य की 3500 किलोमीटर लंबी पद यात्रा पर हैं।