Pralay ballistic missile: भारत ने बुधवार को सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल 'प्रलय' का सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्वदेश में विकसित मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य पर हमला कर सकती है।
सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल की पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है। 'प्रलय' सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल है। उन्नत मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम होने के लिए विकसित किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि यह हवा में एक निश्चित सीमा को कवर करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता रखता है। DRDO द्वारा विकसित बैलिस्टिक मिसाइल एक ठोस-ईंधन, युद्धक्षेत्र मिसाइल है जो भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से पृथ्वी रक्षा वाहन पर आधारित है।
प्रलय मिसाइल को सुबह करीब साढ़े दस बजे एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से प्रक्षेपित किया गया। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि ट्रैकिंग उपकरणों की एक बैटरी ने तट रेखा के साथ इसके प्रक्षेपवक्र की निगरानी की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पहली विकास उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ और संबंधित टीमों को बधाई दी। उन्होंने तेजी से विकास और सतह से सतह पर मार करने वाली आधुनिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ की सराहना की।
सिंह ने ट्वीट किया, "पहले विकास उड़ान परीक्षण के लिए @DRDO_India और संबंधित टीमों को बधाई। तेजी से विकास और आधुनिक सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। यह आज हासिल किया गया एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।"
सचिव डीडी आर एंड डी और अध्यक्ष डीआरडीओ डॉ जी सतीश रेड्डी ने सराहना की और कहा कि यह मिसाइल आधुनिक तकनीकों से लैस एक नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है और इस हथियार प्रणाली को शामिल करने से सशस्त्र बलों, डीआरडीओ को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।