छत्तीसगढ़ में सत्ता को लेकर रस्साकशी : ऊपरी तौर पर शांति लेकिन निचले स्तर पर तनाव जारी

By भाषा | Updated: September 24, 2021 17:51 IST2021-09-24T17:51:19+5:302021-09-24T17:51:19+5:30

Power tug-of-war in Chhattisgarh: Peace on the surface but tension continues at the lower level | छत्तीसगढ़ में सत्ता को लेकर रस्साकशी : ऊपरी तौर पर शांति लेकिन निचले स्तर पर तनाव जारी

छत्तीसगढ़ में सत्ता को लेकर रस्साकशी : ऊपरी तौर पर शांति लेकिन निचले स्तर पर तनाव जारी

रायपुर, 24 सितंबर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष भले ही ऊपरी तौर पर शांत दिख रहा हो लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस में निचले स्तर पर यह स्पष्ट तौर पर दिख रहा है।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि कांग्रेस शासित पंजाब में हाल में नेतृत्व परिवर्तन के कारण अनिश्चितता और बढ़ गई है।

बिलासपुर में कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने बृहस्पतिवार को एक स्थानीय नेता के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज होने के विरोध में प्रदर्शन करने के कारण पार्टी के एक विधायक को निष्कासित करने की मांग की। जिस नेता के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, वह सिंहदेव का समर्थक है।

नेतृत्व परिवर्तन की मांग तब जोर पकड़ने लगी जब बघेल ने जून 2021 में मुख्यमंत्री के तौर पर ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया। सिंहदेव धड़े का दावा था कि आलाकमान ने 2018 में सरकार का कार्यकाल आधा पूरा होने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति जताई थी।

राज्य में कांग्रेस के प्रभारी पी. एल. पुनिया ने कई बार इन दावों से इंकार किया कि भाजपा को हराकर 2018 में सत्ता में आई पार्टी ने इस तरह का कोई समझौता किया था।

कांग्रेस विधायक ब्रहस्पत सिंह ने जुलाई में आरोप लगाए कि सिंहदेव से उनकी जान को खतरा है। बाद में उन्होंने अपना दावा वापस ले लिया।

कांग्रेस आलाकमान ने कलह को शांत करने के लिए अगस्त में बघेल और सिंहदेव को दिल्ली बुलाया था।

वहां से लौटने पर बघेल ने कहा कि पार्टी के नेता राहुल गांधी ‘उनके निमंत्रण पर’ राज्य का दौरा करने पर सहमत हो गए हैं और जो लोग मुख्यमंत्री पद पर बदलाव चाहते हैं वे राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा दे रहे हैं।

बघेल जब राष्ट्रीय राजधानी के दौरे पर थे तो कांग्रेस के 70 में से 54 विधायकों ने अलग से दिल्ली का दौरा किया था, जो एक तरह से बघेल का शक्ति प्रदर्शन था।

बिलासपुर पुलिस ने मंगलवार को राज्य कांग्रेस के पूर्व सचिव पंकज सिंह के खिलाफ एक सरकारी अस्पताल के कर्मचारी के साथ कथित मारपीट को लेकर मामला दर्ज किया। अगले दिन सिंहदेव के समर्थक और कांग्रेस विधायक शैलेश पांडेय अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे और कार्रवाई का विरोध किया। किसी का नाम लिए बगैर पांडेय ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ नेताओं के इशारे पर कार्रवाई हुई है।

बिलासपुर जिले में पार्टी की स्थानीय इकाई ने बृहस्पतिवार को ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधियों को शह देने’’ के लिए पांडेय को निष्कासित करने की मांग की।

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक आर. कृष्ण दास ने कहा, ‘‘पार्टी आलाकमान जब तक नेतृत्व के मुद्दे को नहीं सुलझाता है तब तक दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच संघर्ष की कीमत कार्यकर्ता चुकाते रहेंगे।’’

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पंजाब में हाल में नेतृत्व परिवर्तन ने राज्य के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अनिश्चितता की भावना पैदा की है।

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Web Title: Power tug-of-war in Chhattisgarh: Peace on the surface but tension continues at the lower level

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