अश्लील फिल्म मामला : अदालत ने राज कुंद्रा की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

By भाषा | Updated: August 7, 2021 13:32 IST2021-08-07T13:32:04+5:302021-08-07T13:32:04+5:30

Pornographic film case: Court dismisses plea challenging Raj Kundra's arrest | अश्लील फिल्म मामला : अदालत ने राज कुंद्रा की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

अश्लील फिल्म मामला : अदालत ने राज कुंद्रा की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

मुंबई, सात अगस्त बम्बई उच्च न्यायालय ने अश्लील फिल्मों के कथित तौर पर निर्माण और ऐप्स पर उन्हें प्रसारित करने के मामले में कारोबारी राज कुंद्रा और उनके साथी रेयान थोर्पे की गिरफ्तारी और हिरासत में भेजे जाने के आदेशों को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाएं शनिवार को खारिज कर दी।

कुंद्रा और थोर्पे को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था और शुरुआत में पुलिस हिरासत में और उसके बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए एस गडकरी ने इनकी याचिकाओं पर दो अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अदालत ने शनिवार को कुंद्रा और थोर्पे की दलीलों तथा उनकी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा, ‘‘एक मजिस्ट्रेट द्वारा दोनों को पुलिस हिरासत में और उसके बाद न्यायिक हिरासत में भेजा जाना कानून के अनुरूप है और इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।’’

याचिकाओं में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति कुंद्रा और थोर्पे ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया था और कहा था कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी करने के अनिवार्य प्रावधान का पालन नहीं किया गया।

दोनों ने याचिका में उच्च न्यायालय से उनकी तत्काल रिहाई का निर्देश देने और गिरफ्तारी के बाद एक मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें हिरासत में भेजने के दो आदेशों को रद्द करने का अनुरोध किया था।

सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत पुलिस शुरुआत में ऐसे मामलों में आरोपियों को केवल सम्मन जारी कर सकती है और उनका बयान दर्ज कर सकती है जिनमें गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं होती। पुलिस ने दावा किया था कि नोटिस दिया गया था लेकिन कुंद्रा ने इन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

उच्च न्यायालय में कुंद्रा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील आबाद पोंडा ने दलील दी कि पुलिस के आरोप के अनुसार अगर कुंद्रा ने 41ए नोटिस को स्वीकार करने से इनकार भी कर दिया तो भी अभियोजन को उन्हें गिरफ्तार करने से पहले अदालत की अनुमति लेनी चाहिए थी।

पोंडा ने कहा कि कुंद्रा की गिरफ्तारी और उनका फोन, अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों आदि को जब्त 19 जुलाई को किया गया जबकि पुलिस ने सबूत मिटाने का आरोप बाद में जोड़ा। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में यह आरोप 23 जुलाई को जोड़ा गया और ऐसा कोई दस्तावेज या पंचनामा नहीं है जो यह दिखाता हो कि कुंद्रा ने गिरफ्तारी से पहले सबूत मिटाया था।

थोर्पे की ओर से पेश वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने भी दलील दी कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा उनके मुवक्कित की हिरासत का अनुरोध करते हुए उनके खिलाफ किए दावों में विसंगतियां हैं। उन्होंने कहा कि थोर्पे को 41ए नोटिस दिया गया था लेकिन उन्हें इस पर जवाब देने का वक्त नहीं दिया गया।

पुलिस की ओर से पेश मुख्य लोक अभियोजक अरुणा पाई ने उच्च न्यायालय को बताया कि कुंद्रा के लैपटॉप से कई वीडियो क्लिप्स बरामद की गयी हैं और कुंद्रा तथा थोर्पे को गिरफ्तार करने और उनकी हिरासत के लिए उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।

कुंद्रा को 19 जुलाई को जबकि थोर्पे को उसके अगले दिन गिरफ्तार किया गया। उन पर आईपीसी और आईटी कानून की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया। दोनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं।

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Web Title: Pornographic film case: Court dismisses plea challenging Raj Kundra's arrest

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