रामलला के दरबार में पहुंचेगी महाराष्ट्र की सियासत, उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे बने चाचा राज ठाकरे की काट, 10 जून को जाएंगे अयोध्या
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 8, 2022 02:16 PM2022-05-08T14:16:24+5:302022-05-08T14:23:29+5:30
महाराष्ट्र में चल रही हिंदुत्व की लड़ाई अयोध्या स्थित रामलला के दरबार में पहुंचने वाली है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे के हिंदुत्व कार्ड को फ्लॉप करने के लिए शिवसेना की ओर से उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे आगामी 10 जून को अयोध्या जाएंगे।
मुंबई: महाराष्ट्र में सत्ताधारी शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बीच चल रही हिंदुत्व की लड़ाई अयोध्या स्थित रामलला के दरबार में पहुंचने वाली है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे के हिंदुत्व कार्ड को फ्लॉप करने के लिए शिवसेना भी जोरों की तैयारियों में है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे आगामी 10 जून को अयोध्या स्थित रामलला के दर्शन करने के लिए जाने वाले हैं।
इस बाबत जानकारी देते हुए शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, "मंत्री आदित्य ठाकरे रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे। यह अदित्य ठाकरे की राजनीतिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक धार्मिक यात्रा है।"
लेकिन इसके साथ ही राउत ने कहा कि आदित्य ठाकरे की यात्रा के दौरान महाराष्ट्र सहित पूरे देश से हजारों शिवसैनिकों का जत्था अयोध्या पहुंचेगा।
अयोध्या में रामलला के दर्शन की घोषणा आदित्य ठाकरे से पहले उनके चाचा और मौजूदा समय में शिवसेना के प्रबल विरोधी मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने की थी। राज ठाकरे आज यानी की 5 मई को रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या जा रहे हैं।
संजय राउत ने आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा पर बात करते हुए कहा कि उनकी यात्रा केवल भगवान राम के दर्शन के लिए है और सियासत से उनकी यात्रा का दूर-दूर तक संबंध नहीं है।
वहीं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने ऐलान किया है कि वो मनसे प्रमुख राज ठाकरे की अयोध्या का विरोध करेंगे। भाजपा सांसद ने मांग की है कि राज ठाकरे पहले मनसे द्वारा उत्तर भारतीयों पर किये गये हमले के लिए मांफी मांगे उसके बाद ही उन्हें रामलला का दर्शन करने दिया जाएगा।
मालूम हो कि इन दिनों भाजपा के अलावा महाराष्ट्र के प्रमुख सियासी दल मनसे और शिवसेना खुद को रामभक्त साबित करने में जुटी हुई है। दरअसल जब से राज ठाकरने ने मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर से होने वाले अजान का मुद्दा उठाया है, तभी से शिवसेना के मन में भी इस बात की दहशत है कि कहीं उनका हिंदू कोर वोटर उनसे दूर न हो जाए और यही कारण है कि बीते लगभग एक महीने से महाराष्ट्र की राजनीति में हिुंदुत्व की राजनीति पूरे उफान पर है।
वहीं शिवसेना के साथ महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन में भागीदार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा से पूछा है कि वो राज ठाकरे के अयोध्या दौरे के मद्देनजर अपने रुख को स्पष्ट करें।
मनसे द्वारा मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे जाने की मांग को लेकर सूबे में खासा तनाव पैदा हो गया था। हालांकि महाराष्ट्र सरकार के सधे कदम के कारण यह विवाद जल्द ही शांत हो गया और क्योंकि राज्य सरकार ने लाउडस्पीकर के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये निर्देशों के मुताबिक मस्जिदों के साथ-साथ मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर को प्रतिबंधित कर दिया।
प्रकरण शांत होने के बाद शिवसेना ने मंदिरों से लाउडस्पीकर उतरने के मामले को मनसे के माथे मढ़ दिया और कहा कि मनसे की जिद के कारण इस विवाद में हिंदुओं को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है।