Bihar Politics News: लोजपा(रा) में टूट को लेकर गर्मायी सियासत के बीच अब चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के सांसदों की एकजुटता को दर्शाने की कोशिश की है। लोजपा(रा) प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान सहित 5 सांसदों ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी प्रतिबद्धता पार्टी के प्रति दर्शाई है। लोजपा(रा) सांसदों ने कहा है कि वो सभी पार्टी के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। साथ ही राजद पर पार्टी के खिलाफ साजिश करना का आरोप लगाया है। चिराग पासवान ने अपने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर कहा कि आज की तारीख में विपक्ष के द्वारा जो ये भ्रम फैलाया जा रहा है, मेरी पार्टी और मेरे सांसदों को लेकर, वह उसी साजिश को हवा देने की सोच है जो 2021 में रची गई थी।
उस वक्त भी इन लोगों को लगा था कि ये चिराग पासवान को समाप्त कर देंगे, लेकिन ना उस वक्त ये लोग चिराग पासवान को समाप्त कर पाए और ना आगे कर पाएंगे। जो लोग सोचते हैं कि लोजपा (रामविलास) में टूट हो, वो अपनी ख्वाहिशों को पर देने का काम कर रहे हैं, वे चाहते हैं कि ऐसा हो। लेकिन, ऐसा कुछ होने वाला नहीं है।
'काठ की हांडी' बार बार नहीं चढ़ती है। इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा। वहीं, खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा ने वीडियो शेयर कर कहा कि उन बेचारों का मनोबल टूटा जिन्होंने पार्टी टूटने की खबर चलाई। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हमारी पार्टी में टूट होने की अफवाहों को हवा दी जा रही है। ये एनडीए को कमजोर करने की सोची-समझी साजिश है।
वहीं जमुई सांसद अरुण भारती ने कहा कि राजद का चेहरा फिर एक बार बेनकाब हुआ। विकास के मुद्दो से ध्यान भटकाने का प्रयास करना राजद के चरित्र का अहम हिस्सा रहा है। मेरी पार्टी लोजपा(रा) में टूट को लेकर भ्रामक खबर फैलाना राजद की साजिश है। हम सभी अपनी पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं। जबकि समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान ना दें।
हमारी पार्टी लोजपा(रा) में टूट को लेकर भ्रामक खबर फैलाने वाले राजद की यह पुरानी आदत है। साथ ही वैशाली से लोजपा(रा) सांसद वीणा देवी ने कहा कि चट्टान की तरह हमलोग चिराग पासवान के साथ खड़े हैं, पार्टी में कोई टूट नहीं होने वाली है। राजद के लोग भ्रम फैला रहे हैं।
अब लोग अपना पुलाव पक्का रहा है, मनगढ़ंत कहानी बना रहे हैं। दरअसल, चिराग पासवान ने अभी हाल के दिनों में पीएम मोदी की कई नीतियों के खिलाफ बयान दिया है। आरक्षण में क्रीमी लेयर, लेटरल एंट्री, जातिगत गणना, वक्फ बोर्ड जैसे मुद्दों पर पार्टी से अलग विचारधारा पेश किए। जिसके बाद से ही लोजपा(रा) में टूट की अटकलें शुरू हो गई।