दशहरा समारोह में भाजपा नेताओं की अनुपस्थिति पर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी शुरू

By भाषा | Published: October 10, 2019 05:51 AM2019-10-10T05:51:14+5:302019-10-10T05:51:14+5:30

पटना के गांधी मैदान में मंगलवार को आयोजित दशहरा समारोह में जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा उपस्थित रहे

Political rhetoric begins in Bihar on the absence of BJP leaders in Dussehra celebrations | दशहरा समारोह में भाजपा नेताओं की अनुपस्थिति पर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी शुरू

दशहरा समारोह में भाजपा नेताओं की अनुपस्थिति पर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी शुरू

Highlightsपटना में मंगलवार को आयोजित दशहरा समारोह में भाजपा नेताओं की अनुपस्थिति को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी हैबिहार विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि भाजपा के नेता, जिनमें से कई स्थानीय सांसद और विधायक हैं

बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को आयोजित दशहरा समारोह में भाजपा नेताओं की अनुपस्थिति को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी है। पटना के गांधी मैदान में मंगलवार को आयोजित दशहरा समारोह में जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा उपस्थित रहे, लेकिन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित भाजपा के स्थानीय सांसद और अन्य नेता अनुपस्थित रहे थे।

जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने बुधवार को कहा, "रविशंकर प्रसाद (केंद्रीय मंत्री एवं स्थानीय भाजपा सांसद) और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पहले ही दुर्गा पूजा समारोह से दूर रहने की घोषणा कर रखी थी, लेकिन बाकी भाजपा नेताओं को उपस्थित होना चाहिए था।" केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने "नवरात्रि" से पहले कहा था कि वह पटना शहर में पिछले महीने के अंत में मूसलाधार बारिश के कारण हुए जलजमाव से लोगों को हुई कठिनाई से दुखी हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने स्पष्ट किया, "मैं नेपाल में एक मंदिर में प्रार्थना करने गया था। पार्टी के अन्य नेता इसी तरह अन्य जगहों पर पहले से मौजूद थे। कृपया इस प्रकरण को राजनीतिक चश्मे से न देखें।"

पाटलिपुत्र के सांसद राम कृपाल यादव से उनकी अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इसका सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, "रावण वध के दृश्य को याद करने वाले सभी लोग अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान राक्षस राजा की तरह मारे जाएंगे। मेरा यह कथन गांधी मैदान में मौजूद विपक्षी नेताओं को लेकर हैं, किसी अन्य के बारे में नहीं।" बिहार विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि भाजपा के नेता, जिनमें से कई स्थानीय सांसद और विधायक हैं, वे इस बात को लेकर डरे हुए थे कि उनके उस समारोह में शामिल होने पर स्थानीय लोग जलजमाव के कारण हुई कठिनाई के मद्देनजर भड़क जाएंगे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा के अन्य नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार किए जा रहे प्रहार की ओर इशारा करते हुए इसे नीतीश के लिए मुसीबतें खड़ी करने की साजिश बताया।

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा, "नरेंद्र मोदी अपनी स्मार्ट गणना के लिए जाने जाते हैं। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजग के डूबने के बाद, उन्हें लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को आगे बढ़ाने के लिए कुछ करने की आवश्यकता थी। अब लक्ष्य प्राप्त हो गया है और नीतीश कुमार की उपयोगिता खत्म हो गयी है, इसलिए गिरिराज सिंह जैसे नेताओं द्वारा लगातार प्रहार जारी है और दशहरा समारोह से भाजपा नेता अनुपस्थित रहे।" इस बीच जदयू नेता अजय आलोक ने ट्वीट कर कहा “क्या हो गया बिहार भाजपा को? कोई गांधी मैदान में रावण वध में नहीं आया ? रावण वध नहीं करना था क्या ?" हालांकि, उन्होंने कहा कहा ''सभी संबंधों में कभी कटुता आती है, लेकिन जिम्मेदार लोग उसमें मिठास डालते हैं। भाजपा बिहार में सत्ता में न रहे तो उसको कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन बिहार के हित में ये संबंध मजबूत रहना चाहिए।" 

Web Title: Political rhetoric begins in Bihar on the absence of BJP leaders in Dussehra celebrations

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