कश्मीर बनाम जम्मू में बदलते मुद्दे में राजनीति दल कूदने लगे, वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट में एमबीबीएस के दाखिले का मुद्दा अब सांप्रदायिक हो चला

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: November 24, 2025 16:47 IST2025-11-24T16:46:14+5:302025-11-24T16:47:21+5:30

न्होंने कहा कि वे ज्यादा दिन अपना रंग नहीं छिपा सकते। वे कश्मीर में अजान के लिए अपना भाषण रोकने का नाटक करेंगे, लेकिन जो लोग अजान को मानते हैं, वही भाजपा उन्हें एजुकेशनल इंस्टिट्यूट से बाहर निकाल देगी, भले ही स्टूडेंट्स में काबिलियत हो और उन्होंने सीटों के लिए पैसे दिए हों।

Political parties are jumping into the fray, turning the issue of MBBS admissions to the Vaishno Devi Institute into a communal one | कश्मीर बनाम जम्मू में बदलते मुद्दे में राजनीति दल कूदने लगे, वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट में एमबीबीएस के दाखिले का मुद्दा अब सांप्रदायिक हो चला

कश्मीर बनाम जम्मू में बदलते मुद्दे में राजनीति दल कूदने लगे, वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट में एमबीबीएस के दाखिले का मुद्दा अब सांप्रदायिक हो चला

जम्मू: वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट में एमबीबीएस के दाखिले का मुद्दा अब सांप्रदायिक हो चला है। हालत यह है कि इसमें राजनीतिक दलों के कूद जाने से मामला कश्मीर बनाम जम्मू भी बनता जा रहा है। हालत यह है कि भाजपा के कदमों पर रिएक्ट करते हुए नेकां के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने भाजपा के कथित तौर पर बांटने वाले, नफरत भरे और सांप्रदायिक तरीके से चलाए गए मेमोरेंडम की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि वे ज्यादा दिन अपना रंग नहीं छिपा सकते। वे कश्मीर में अजान के लिए अपना भाषण रोकने का नाटक करेंगे, लेकिन जो लोग अजान को मानते हैं, वही भाजपा उन्हें एजुकेशनल इंस्टिट्यूट से बाहर निकाल देगी, भले ही स्टूडेंट्स में काबिलियत हो और उन्होंने सीटों के लिए पैसे दिए हों।

इसी तरह से पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष और हंदवाड़ा से विधायक सज्जाद लोन ने भी भाजपा पर मेडिकल साइंस को सांप्रदायिक करने के कांसेप्ट के साथ एक्सपेरिमेंट करने का आरोप लगाया। लोन ने कहा कि मुझे बस उम्मीद है कि वे समझेंगे कि नीट नाम का एक सही एडमिशन टेस्ट होता है और वह एक आल इंडिया टेस्ट है। इसमें देश के सबसे अच्छे दिमाग वाले लोग उस एग्जाम में बैठते हैं और जो चुने जाते हैं, वे डाक्टर बनने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और फिर ये डाक्टर लोगों की सेवा करते हैं, उनका इलाज करते हैं, सर्जरी करते हैं।

जानकारी के लिए यह विवाद जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी शेष पाल वैद ने शुरू किया था, जिन्होंने दिल्ली लाल किले में हुए ब्लास्ट के बाद जिसमें डा उमर नबी आई 20 कार चलाते हुए पाए गए थे, इस मामले को उठाया था। 11 नवंबर को वैद ने एक्स पर लिखा कि कटरा मेडिकल कालेज में लगभग 70 प्रतिशत सीटें कश्मीर के छात्रों को दी गई थीं। उन्होंने कहा कि कटरा मेडिकल कालेज को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से फंड मिलता है, और श्राइन बोर्ड का पूरा इकोसिस्टम, जिसमें मेडिकल कालेज भी शामिल है, मंदिर में आने वाले हिंदू तीर्थयात्रियों के डोनेशन से ही फंड होता है। 

उन्होंने आगे लिखा कि और फिर हम देखते हैं कि डा मुजम्मिल या डा नबी जैसे डाक्टर, शायद ऐसे इंस्टीट्यूशन से ग्रेजुएट होकर, वही कर रहे हैं जो वे हमेशा करते हैं। कौन जिम्मेदार है? क्या किया जाना चाहिए था, और क्या अभी भी किया जा सकता है? मैं यह आपके अच्छे फैसले पर छोड़ता हूं। हालांकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के यूथ लीडर आदित्य गुप्ता ने वैद की आलोचना की। वे कहते थे कि जब एक बार सम्मानित आफिसर फुल-टाइम नफरत फैलाने वाला बन जाता है, तो गिरावट साफ दिखती है। कटरा मेडिकल कालेज ने नीट के नियमों का पूरी तरह से पालन किया और श्राइन बोर्ड मेडिकल कालेज कोई माइनारिटी इंस्टीट्यूशन नहीं है।

वैसे भाजपा नेताओं ने वैद का साथ दिया और जम्मू शहर में कई राइट-विंग ग्रुप्स ने श्राइन बोर्ड के खिलाफ प्रोटेस्ट किया। यूनिवर्सिटी बोर्ड ने अभी तक इस विवाद पर कोई रिएक्शन नहीं दिया है।

Web Title: Political parties are jumping into the fray, turning the issue of MBBS admissions to the Vaishno Devi Institute into a communal one

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