इंदौर। देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में कर्फ्यू तोड़कर बाहर घूमने वाले लोगों को पुलिस द्वारा बर्बर तरीके से कथित तौर पर पीटे जाने के कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं। पुलिस के एक आला अधिकारी ने इसकी जांच के आदेश देने के साथ ही अपने मातहतों को कहा है कि आइंदा ऐसे मामले सामने नहीं आने चाहिये।
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने मंगलवार को "पीटीआई-भाषा" से कहा, "शहर के कुछ लोग अब भी बिना किसी उचित वजह के बाहर घूम रहे हैं, जबकि वे अच्छी तरह जानते हैं कि कोरोना वायरस का प्रकोप रोकने के लिये लम्बे समय से कर्फ्यू लगा है। हालांकि, मैं ऐसे लोगों के साथ पुलिस की मारपीट से कतई सहमत नहीं हूं।"
मिश्रा ने विशिष्ट जानकारी दिये बगैर बताया कि उन्होंने कर्फ्यू के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा आम लोगों से मारपीट के कुछ वायरल वीडियो की सच्चाई की जांच के आदेश दिये हैं। डीआईजी ने बताया कि उन्होंने शहर के पूर्वी क्षेत्र और पश्चिमी क्षेत्र के दोनों पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि इस तरह के मामले दोबारा सामने नहीं आने चाहिये।
शहर में कर्फ्यू का पालन कराने को लेकर पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर हाल ही में कुछ ऐसे कथित वीडियो भी पोस्ट किये गये हैं जिनमें पुलिसकर्मी घर से बाहर निकले लोगों को घेरकर उन्हें डंडों से पीटने के साथ ही उनकी दोपहिया गाड़ियों में तोड़फोड़ करते भी नजर आ रहे हैं। ऐसे कई वीडियो पहले ही वायरल हो चुके हैं जिनमें स्थानीय पुलिस को कर्फ्यू तोड़ने वालों से उठक-बैठक लगवाते देखा जा सकता है।
इंदौर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विवेक शर्मा ने पिछले महीने पुलिसकर्मियों को सलाह दी थी कि कर्फ्यू तोड़कर बेवजह बाहर घूमने वाले आम लोगों के खिलाफ बल प्रयोग या सख्त कानूनी कदम उठाने के बजाय वे उनमें सुधार के लिये कुछ नवाचारी कदम उठा सकते हैं।
आईजी ने कहा था, "ऐसे लोगों को शहर के प्रमुख स्थानों पर कुछ समय के लिये तैनात किया जा सकता है ताकि उन्हें पता चले कि कर्फ्यू के दौरान पुलिस का काम आसान नहीं है।" इंदौर में कोरोना वायरस का पहला मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है, जबकि जिले के अन्य स्थानों पर सख्त लॉकडाउन लागू है।