पुलिस ने मस्जिद के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार पर सजा संबंधी वायरल संदेश को फर्जी करार दिया
By भाषा | Updated: September 2, 2021 00:29 IST2021-09-02T00:29:21+5:302021-09-02T00:29:21+5:30

पुलिस ने मस्जिद के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार पर सजा संबंधी वायरल संदेश को फर्जी करार दिया
राजस्थान में मंगलवार को अशोक गहलोत सरकार द्वारा किसी मस्जिद या मदरसे के कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने, उन्हें नुकसान पहुंचाने या बाधा डालने के आरोप में तीन साल के कारावास के लिये कानून में संशोधन के बारे में एक संदेश वायरल हुआ। इस संदेश को पुलिस ने फर्जी और भ्रामक करार दिया है। पुलिस ने चेताया है कि इस तरह की गलत सूचना फैलाने के लिये कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा ने कहा कि राजस्थान के संदर्भ में ऐसे झूठे और भ्रामक तथ्य वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ट्वीट के जरिये सभी से आग्रह किया कि इस प्रकार के दुष्प्रचार में शामिल होने से बचें और इसे प्रचारित-प्रसारित होने से रोकने में सहायक बनें। शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा मंगलवार को मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश से धर्म के आधार पर गरीब दिहाड़ी मजदूरों, ठेला लगाने वाले एवं रेहड़ी-पटरी वालों के साथ मारपीट की घटनाओं संबंधी वीडियो के बारे में ट्वीट के तुरंत बाद एक फर्जी संदेश वायरल हो गया। शर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि यह सरकार की छवि खराब करने और जनता को धोखा देने के लिये एक दुष्प्रचार अभियान प्रतीत होता है। इससे पूर्व उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि "ऐसे झूठे और भ्रामक तथ्य वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।" उदयपुर पुलिस ने ट्वीट के जरिये कहा, ‘‘कुछ समय से शरारती तत्वों द्वारा आमजन को गुमराह करने के उद्देश्य से एक संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो मिथ्या एवं भ्रामक है। ऐसे किसी भी संदेश को आगे नहीं बढ़ाएं। इस तरह के दुष्प्रचार करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।’’ पुलिस सूत्रों ने बताया कि साइबर सेल संदेश को वायरल करने वालों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
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