PNB घोटालाः नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने नवंबर में ही भागने की बना ली थी योजना
By रामदीप मिश्रा | Updated: February 26, 2018 17:25 IST2018-02-26T14:33:49+5:302018-02-26T17:25:27+5:30
सीबीआई द्वारा 14 फरवरी को नीरव मोदी, पत्नी एमी, भाई निशाल, मामा मेहुल चौकसी और उनकी कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद यह पहली बार हुआ जब मेहता और राव से पूछताछ की गई थी।

PNB घोटालाः नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने नवंबर में ही भागने की बना ली थी योजना
नई दिल्ली, 26 फरवरीः पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 11 हजार 300 करोड़ रुपए के घोटाले में शामिल आरोपियों को लेकर एक और जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि आरोपी हीरा व्यापारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चौकसी ने बीते साल नवंबर में देश से बाहर भागने की योजना बना ली थी। अधिकारियों की टीम ने लेटर ऑफ क्रेडिट और लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जारी होने से जुड़े सवालों का जवाब दिया।
मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि क जब नवंबर में मुंबई के पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा में बदलाव हुए और नए कर्मचारियों ने धोखाधड़ी व लेनदेन करने के मामले में खिलाफ हुए तब आरोपियों ने देश से भागने की योजना बनाई। एलओयू जारी करने से जुड़े दो वरिष्ठ अधिकारियों ने नवंबर में ही देश छोड़ दिया था और यकीन है कि वो दुबई में हैं। एक अधिकारी ने कहा, ' एक जनवरी को गोकुलनाथथ शेट्टी की सेवानिवृत्ति (उप प्रबंधक, पीएनबी, ब्रैडी हाउस शाखा) के बाद मोदी और चोकसी अपने परिवारों को लेकर उसी सप्ताह देश छोड़कर भाग गए।
आपको बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने 24 फरवरी को 11,400 करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में बैंक के प्रबंध निदेशक-सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी(सीईओ) सुनील मेहता और कार्यकारी निदेशक के.वी. ब्रह्माजी राव से पूछताछ की। दोनों अधिकारियों को सीबीआई की मुंबई शाखा ने पूछताछ के लिए बुलाया था और दोनों से आठ घंटे तक पूछताछ की गई।
सीबीआई द्वारा 14 फरवरी को हीरा कारोबारी नीरव मोदी, पत्नी एमी, भाई निशाल, मामा मेहुल चौकसी और उनकी कंपनियों डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद यह पहली बार हुआ जब मेहता और राव से पूछताछ की गई थी।
नीरव मोदी, उसका परिवार, मामा चौकसी जनवरी के शुरुआती सप्ताह में देश छोड़कर जा चुके हैं। एफआईआर में 6,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बारे में बताया गया है। सीबीआई ने चौकसी की अगुवाई वाले गीतांजलि समूह के खिलाफ 4,886.72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में 15 फरवरी को दूसरा एफआईआर दर्ज किया था। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा था 12 गिरफ्तार आरोपियों से 24 फरवरी को भी पूछताछ गई।