प्रधानमंत्री ने स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती पर जारी किया 125 रुपये का विशेष स्मारक सिक्का

By भाषा | Updated: September 1, 2021 21:11 IST2021-09-01T21:11:29+5:302021-09-01T21:11:29+5:30

PM releases special commemorative coin of Rs 125 on Swami Prabhupada's 125th birth anniversary | प्रधानमंत्री ने स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती पर जारी किया 125 रुपये का विशेष स्मारक सिक्का

प्रधानमंत्री ने स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती पर जारी किया 125 रुपये का विशेष स्मारक सिक्का

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के संस्थापक श्री भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के अवसर पर 125 रुपये का एक विशेष स्मारक सिक्का जारी किया। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में स्मारक सिक्का जारी करने के बाद प्रधानमंत्री ने इस धार्मिक संस्था के कामकाज की सराहना की और कहा कि यह पूरी दुनिया में भारतीय आदर्शों और संस्कारों के ‘‘ब्रैंड एंबेसडर’’ की भी भूमिका निभा रहा है। इस्कॉन की वैश्विक उपस्थिति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जब भी ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ और ‘‘मेड इन इंडिया’’ की बात करते हैं तो अधिकारियों को इस्कॉन की सफलता का उदाहरण देते हैं। ज्ञात हो कि ये दोनों ही भारत सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम हैं।उन्होंने कहा, ‘‘हम जब भी किसी दूसरे देश में जाते हैं और वहां जब लोग 'हरे कृष्ण' बोलकर मिलते हैं तो हमें कितना अपनापन लगता है... कितना गौरव भी होता है। कल्पना करिए, यही अपनापन जब हमें ‘मेक इन इंडिया’ उत्पादों के लिए मिलेगा तो हमें कैसा लगेगा? इस्कॉन से सीखकर हम इन लक्ष्यों को भी हासिल कर सकते हैं।’’ इस्कॉन के सदस्य जब मिलते हैं तो ‘हरे कृष्ण’ बोलकर एक दूसरे का अभिवादन करते हैं। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्वामी प्रभुपाद को एक अलौकिक कृष्णभक्त बताया और कहा कि वह एक महान देश भक्त भी थे। उन्होंने कहा, ‘‘स्वामी जी ने देश के स्वतन्त्रता संग्राम में संघर्ष किया था। उन्होंने असहयोग आंदोलन के समर्थन में स्कॉटिश कॉलेज से अपना डिप्लोमा तक लेने से मना कर दिया था।’’ स्वामी प्रभुपाद ने देश-विदेश में सौ से अधिक मंदिरों की भी स्थापना की और दुनिया को भक्ति योग का मार्ग दिखाने वाली कई किताबें लिखीं। उनके द्वारा स्थापित इस्कॉन को आमतौर पर ‘‘हरे कृष्ण आंदोलन’’ के रूप में जाना जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग देशों में स्थित इस्कॉन मंदिर और गुरुकुल भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए हुये हैं।उन्होंने कहा, ‘‘इस्कॉन ने दुनिया को बताया है कि भारत के लिए आस्था का मतलब है- उमंग, उत्साह, और उल्लास तथा मानवता पर विश्वास।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता के हित में भारत दुनिया को कितना कुछ दे सकता है, योग, आयुर्वेद और विज्ञान आज इसका बड़े उदाहरण है और इनका लाभ पूरी दुनिया को मिल रहा है।प्रधानमंत्री ने विद्वानों का हवाला देते हुए कहा कि अगर भक्तिकाल की सामाजिक क्रांति न होती तो भारत न जाने कहां होता और किस स्वरूप में होता। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उस कठिन समय में चैतन्य महाप्रभु जैसे संतों ने हमारे समाज को भक्ति की भावना से बांधा। उन्होने ‘विश्वास से आत्मविश्वास’ का मंत्र दिया। एक समय जहंा स्वामी विवेकानंद जैसे मनीषी आए जिन्होंने वेद-वेदान्त को पश्चिम तक पहुंचाया, तो वहीं विश्व को जब भक्तियोग को देने की ज़िम्मेदारी आई तो श्री प्रभुपाद और इस्कॉन ने इस महान कार्य का बीड़ा उठाया। उन्होंने भक्ति वेदान्त को दुनिया की चेतना से जोड़ने का काम किया।’’ ज्ञात हो कि इस्कॉन ने श्रीमद्भगवद् गीता और अन्य वैदिक साहित्य का 89 भाषाओं में अनुवाद किया, जो दुनिया भर में वैदिक साहित्य के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और इस्कॉन से जुड़े तमाम पदाधिकारी व भक्त भी इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: PM releases special commemorative coin of Rs 125 on Swami Prabhupada's 125th birth anniversary

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे