राफेल के स्वागत में पीएम नरेंद्र मोदी का ट्वीट- देश की रक्षा के समान न तो कोई पुण्य, न कोई व्रत, न ही कोई यज्ञ है
By अनुराग आनंद | Published: July 29, 2020 04:34 PM2020-07-29T16:34:54+5:302020-07-29T17:26:10+5:30
अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर फ्रांस से खरीदे गए फाइटर प्लेन राफेल का पांच विमानों का बेड़ा आज लैंड कर गया है।
नयी दिल्ली: फ्रांस से चलकर राफेल विमान भारत के अंबाला कैंट हवाई एयर बेस पर पहुंच चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी ने राफेल के सफलता पूर्वक देश में लैंड करने के बाद ट्वीट किया है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा है कि राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के समान न तो कोई पुण्य, न कोई व्रत और न ही कोई यज्ञ है। मोदी ने संस्कृत में ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्, राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्...स्वागतम्!।’’ इसका अर्थ है, ‘‘राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं है, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं है, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं है, नहीं हैं, नहीं है।’’
बता दें कि रूस से सुखोई विमानों की खरीद के करीब 23 साल बाद, नये और अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा फ्रांस से आज यहां, देश के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयर बेस पर पहुंच गया।
इससे पहले देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल अंबाला में सुरक्षित लैंड कर गए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नपे ट्वीट किया है, ‘‘बर्ड्स सुरक्षित उतर गए हैं।’’ वायुसेना में लड़ाकू विमानों को ‘बर्ड’ (चिड़िया) कहा जाता है। इसके साथ ही कहा कि सैन्य इतिहास में भारत एक नया युग की शुरूआत कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं वायुसेना को बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि 17 स्क्वॉड्रन गोल्डन ऐरो अपने लक्ष्य में कामयाब रहेगा। मुझे बहुत खुशी है कि हमारी क्षमता लगातार बढ़ रही है।
राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं,
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2020
राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,
राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो,
दृष्टो नैव च नैव च।।
नभः स्पृशं दीप्तम्...
स्वागतम्! #RafaleInIndiapic.twitter.com/lSrNoJYqZO
राफेल से भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी-
राफेल विमानों के वायुसेना में शामिल होने के बाद देश को आस-पड़ोस के प्रतिद्वंद्वियों की हवाई युद्धक क्षमता पर बढ़त हासिल हो जाएगी। निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले इन राफेल विमानों को दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है।
फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके ये विमान आज दोपहर हरियाणा में स्थिति अंबाला एयरबेस पर उतरे। राफेल विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद दो सुखोई 30एमकेआई विमानों ने उनकी आगवानी की और उनके साथ उड़ते हुए अंबाला तक आए।
भारत सरकार ने एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान का किया है सौदा-
राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था।
गौरतलब है कि इससे पहले तत्कालीन संप्रग सरकार करीब सात साल तक भारतीय वायुसेना के लिए 126 मध्य बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों के खरीद की कोशिश करती रही थी, लेकिन वह सौदा सफल नहीं हो पाया था।
वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए खरीदा गया है विमान-
दसाल्ट एविएशन के साथ आपात स्थिति में राफेल विमानों की खरीद का यह सौदा भारतीय वायुसेना की कम होती युद्धक क्षमता में सुधार के लिए किया गया था, क्योंकि वायुसेना के पास फिलहाल 31 लड़ाकू विमान हैं जबकि वायुसेना के स्क्वाड्रन में इनकी स्वीकृत संख्या के अनुसार, कम से कम 42 लड़ाकू विमान होने चाहिए।
अंबाला पहुंचे पांच राफेल विमानों में से तीन राफेल एक सीट वाले जबकि दो राफेल दो सीट वाले लड़ाकू विमान हैं। इन्हें भारतीय वायुसेना के अंबाला स्थित स्क्वाड्रन 17 में शामिल किया जाएगा जो ‘गोल्डन एरोज’ के नाम से प्रसिद्ध है।