PM मोदी आज करेंगे देश को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे समर्पित, 500 दिनों में 135 KM हुआ बनकर तैयार
By रामदीप मिश्रा | Updated: May 27, 2018 08:54 IST2018-05-27T08:50:03+5:302018-05-27T08:54:29+5:30
प्रधानमंत्री का 'रोड शो' निजामुद्दीन ब्रिज से शुरू होगा। यह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का लगभग नौ किलोमीटर का पहला चरण है। इस पर छह किलोमीटर की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर से बागपत जाने का कार्यक्रम है।

PM मोदी आज करेंगे देश को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे समर्पित, 500 दिनों में 135 KM हुआ बनकर तैयार
नई दिल्ली, 27 मईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 11,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार देश के पहले स्मार्ट और हरित ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) का उद्घाटन करेंगे। यह एक्सप्रेस-वे 135 किलोमीटर लंबा है। साथ ही साथ यह देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा जो सौर बिजली से सड़कें रोशनी फैलाएगा। वहीं, इसके अलावा पीएम दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर खुली जीप में यात्रा करेंगे।
प्रधानमंत्री का 'रोड शो' निजामुद्दीन ब्रिज से शुरू होगा। यह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का लगभग नौ किलोमीटर का पहला चरण है। इस पर छह किलोमीटर की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर से बागपत जाने का कार्यक्रम है, जहां वह पूर्वी ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे को देश को समर्पित करेंगे।
इसको लेकर सड़क परिवहन, राजमार्ग और पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, 'ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे देश का पहिला स्मार्ट वे है,जो रेकॉर्ड टाइम में पूरा हुआ है, यह हमारी इंजीनियरिंग का नमुना है। मै हमारी पूरी टीम को बधाई देता हूं।'
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे देश का पहिला स्मार्ट वे है,जो रेकॉर्ड टाइम में पूरा हुआ है, यह हमारी इंजीनियरिंग का नमुना है। मै हमारी पूरी टीम को बधाई देता हूं।#PragatiKaHighwaypic.twitter.com/i53R5VzHGx
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) May 26, 2018
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा, 'प्रधानमंत्री दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर छह किलोमीटर खुले जीप पर यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री वहां प्रदर्शनी तथा 3डी माडल का उद्घघाटन करेंगे और वहां से ईपीई राष्ट्र को समर्पित करने के लिये बागपत जाएंगे।'
ईपीई पर प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ वर्षा जल संचयन की व्यवस्था होगी। साथ ही इसमें 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया जाएगा तथा 40 झरने होंगे। इसे रिकॉर्ड 500 दिनों में पूरा किया गया है। इस एक्सप्रेस वे पर 8 सौर संयंत्र हैं जिनकी क्षमता 4 मेगावाट है। प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के लिये आधारशिला पांच नवंबर 2015 को रखी थी।
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