PM to visit Mizoram-Manipur: आइजोल-दिल्ली के बीच पहली राजधानी एक्सप्रेस, बैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का उद्घाटन, मिजोरम को तोहफा देंगे पीएम मोदी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 12, 2025 14:44 IST2025-09-12T14:43:59+5:302025-09-12T14:44:53+5:30
PM to visit Mizoram-Manipur: असम सीमा के पास उत्तर मिजोरम के कोलासिब जिले के सैपुम गांव के नजदीक 60 मेगावाट की तुइरियल जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया था।

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को मिजोरम का दौरा करेंगे और बैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का उद्घाटन करेंगे। साथ ही वह आइजोल और दिल्ली के बीच पहली राजधानी एक्सप्रेस और अन्य नयी रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाएंगे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी का यह पूर्वोत्तर राज्य का दूसरा दौरा होगा। मोदी ने दिसंबर 2017 में मिजोरम का दौरा किया था और असम सीमा के पास उत्तर मिजोरम के कोलासिब जिले के सैपुम गांव के नजदीक 60 मेगावाट की तुइरियल जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया था।
अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री के शनिवार सुबह नौ बजे लेंगपुई हवाई अड्डे पर पहुंचने की उम्मीद है और फिर वह हेलीकॉप्टर से आइजोल थुआमपुई हेलीपैड के लिए उड़ान भरेंगे। उन्होंने बताया कि मोदी सुबह 10 बजे आइजोल के लामुअल में एक जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसके दौरान वह बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन का उद्घाटन करेंगे।
आइजोल तथा दिल्ली के बीच राजधानी ट्रेन सेवा तथा आइजोल-कोलकाता और आइजोल-गुवाहाटी के बीच दो अन्य नयी रेलगाडियों को हरी झंडी दिखाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान दो शैक्षणिक संस्थानों का उद्घाटन करेंगे और केंद्र की छह परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
अधिकारी ने बताया कि मिजोरम से प्रधानमंत्री मणिपुर के लिए उड़ान भरेंगे, जो मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद उनकी पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री के दौरे से पहले पूरे मिजोरम में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) एच रामथलेंगलियाना ने कहा कि राज्य भर में सभी पुलिस इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
राज्य की राजधानी आइजोल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की आइज़ोल यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस के अलावा, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की दो-दो कंपनियां तैनात की गई हैं। सरकार ने आइज़ोल में यातायात प्रबंधन की भी व्यापक व्यवस्था की है।
प्रधानमंत्री के काफिले के आवागमन वाले कुछ क्षेत्रों और इलाकों में 'नो पार्किंग' और 'नो प्लेइंग' का आदेश लागू किया है। आइज़ोल नगर निगम (एएमसी) ने भी निवासियों से प्रधानमंत्री के काफिले वाली सड़क के किनारे की सभी दुकानें, निजी कार्यालय बंद रखने और रेहड़ी-पटरी न लगाने को कहा है। सरकार ने आम जनता से भी बड़ी संख्या में जनसभा में शामिल होने की अपील की है।
51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैरांग ब्रॉड गेज रेलवे लाइन परियोजना केंद्र की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है। नयी रेलवे लाइन आइज़ोल को असम के सिलचर शहर और फिर देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी और मिज़ोरम को पहली बार भारतीय रेलवे नेटवर्क के दायरे में लाएगी।
इस परियोजना को 2008-2009 में मंजूरी दी गई थी और इसका निर्माण 8,213.72 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी और इसका निर्माण 2015 से शुरू होकर 10 वर्षों के भीतर पूरा हुआ। इससे पहले, मिज़ोरम-असम सीमा पर कोलासिब जिले में बैराबी, मिज़ोरम का एकमात्र रेलवे स्टेशन था।
बैराबी-सैरांग लाइन रेलवे परियोजना भारतीय रेलवे का एक इंजीनियरिंग चमत्कार है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधिकारियों के अनुसार यह रेलवे लाइन 48 सुरंगों, 55 बड़े पुलों और 87 छोटे पुलों से होकर गुज़रती है। सुरंगों की कुल लंबाई 12.8 किलोमीटर से ज़्यादा है, जो रेलवे ट्रैक का 25 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि सैरांग रेलवे स्टेशन के पास पुल संख्या 144, जिसकी ऊंचाई 114 मीटर है, देश का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है और यह कुतुब मीनार से 42 मीटर ऊंचा है। उन्होंने बताया कि इस नयी लाइन के चालू होने पर, आइज़ोल और गुवाहाटी के बीच सड़क मार्ग से यात्रा का समय 16 घंटे से घटकर रेल मार्ग से केवल 12 घंटे रह जाएगा।
आइज़ोल और सिलचर के बीच सड़क मार्ग से यात्रा का समय लगभग सात घंटे से घटकर केवल तीन घंटे रह जाएगा। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधिकारियों के अनुसार कनेक्टिविटी में सुधार के अलावा, नयी रेलवे लाइन यात्री और माल ढुलाई को भी बढ़ाएगी, सामाजिक-आर्थिक और पर्यटन विकास को बढ़ावा देगी, नए रोजगार पैदा करेगी और मिज़ोरम के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।
जातीय संघर्ष के दो साल बाद प्रधानमंत्री के पहले मणिपुर दौरे के लिए मंच तैयार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर में घातक जातीय हिंसा के दो साल बाद शनिवार को पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करेंगे और 8,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का अनावरण करेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मोदी कुकी बहुल चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड से 7,300 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
मेइती बहुल इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। विपक्षी दल कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के बाद राज्य का दौरा न करने को लेकर बार-बार प्रधानमंत्री की आलोचना करते रहे हैं। इस संघर्ष में मई 2023 से अब तक 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
मणिपुर सरकार ने बृहस्पतिवार शाम एक बड़ा होर्डिंग लगाया, जिसमें शनिवार को चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड और इंफाल के कांगला किले में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की घोषणा की गई। मोदी के दौरे से पहले राज्य की राजधानी इंफाल में ऐसे और भी होर्डिंग लगाए गए। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।
राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को एक परामर्श भी जारी किया, जिसमें पीस ग्राउंड में आयोजित ‘‘वीवीआईपी कार्यक्रम’’ में शामिल होने वाले लोगों से कहा गया कि वे ‘‘चाबी, कलम, पानी की बोतल, बैग, रूमाल, छाता, लाइटर, माचिस, कपड़े का टुकड़ा, कोई भी नुकीली वस्तु या हथियार और गोला-बारूद’’ न लाएं।
वहीं, एक अन्य अधिसूचना में लोगों से 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बीमार व्यक्तियों को कार्यक्रम स्थल पर लाने से बचने को कहा गया। मणिपुर सरकार ने इससे पहले मोदी के दौरे के मद्देनजर चुराचांदपुर जिले में एयर गन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि इंफाल और चुराचांदपुर जिला मुख्यालय शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
इंफाल में लगभग 237 एकड़ में फैले कांगला किले और चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड में तथा उसके आसपास बड़ी संख्या में राज्य और केंद्रीय बलों के जवान तैनात किए गए हैं, जहां इस कार्यक्रम के लिए एक भव्य मंच तैयार किया जा रहा है। मणिपुर के एकमात्र राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा संजाओबा ने प्रधानमंत्री के दौरे को लोगों और राज्य के लिए ‘‘सौभाग्य का क्षण’’ बताया।
भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘यह सौभाग्य की बात है कि मोदी लोगों की कठिनाइयों को सुनेंगे...मणिपुर में पहले भी हिंसक झड़पों का इतिहास रहा है। हालाँकि, किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसे समय में राज्य का दौरा नहीं किया और लोगों की बात नहीं सुनी।’’ प्रमुख कुकी-जो समूहों ने भी प्रधानमंत्री के मणिपुर दौरे का स्वागत किया है और इसे ‘‘ऐतिहासिक तथा दुर्लभ अवसर’’ बताया है।
समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों में से एक कुकी-ज़ो काउंसिल ने दावा किया कि मोदी का यह दौरा किसी प्रधानमंत्री के इस क्षेत्र में आने के लगभग चार दशक बाद हो रहा है। काउंसिल ने मोदी के दौरे का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमारे घावों को भरने, हमारी गरिमा को बहाल करने तथा कुकी-जो लोगों के भविष्य की सुरक्षा के लिए हम आपके नेतृत्व पर भरोसा करते हैं।’’
कुकी-ज़ो समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले कई अन्य संगठनों ने भी प्रधानमंत्री के दौरे की सराहना की, लेकिन उनके स्वागत में नृत्य कार्यक्रम की योजना का विरोध किया। महिला संगठन ‘इमागी मीरा’ ने कहा कि मोदी को अधिकारियों को निर्देश देना चाहिए कि वे मेइती लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही की अनुमति दें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।