पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय चीन दौरे के लिए हुए रवाना, अनौपचारिक शिखर वार्ता में लेंगे हिस्सा
By भाषा | Updated: April 26, 2018 19:13 IST2018-04-26T19:13:16+5:302018-04-26T19:13:16+5:30
चीन की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं चीन के वुहान की यात्रा पर जा रहा हूं जहां 27..28 अप्रैल को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अनौपचारिक शिखर बैठक होगी।’’

पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय चीन दौरे के लिए हुए रवाना, अनौपचारिक शिखर वार्ता में लेंगे हिस्सा
नई दिल्ली, 26 अप्रैल: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन की दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को रवाना हो गये, जहां वे चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अनौचारिक शिखर वार्ता में हिस्सा लेंगे। इस दौरान दोनों पक्ष द्विपक्षीय, अंतरराष्ट्रीय एवं आपसी हितों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के बीच 27 और 28 अप्रैल को चीन के वुहान शहर में शिखर बैठक होगी ।
चीन की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं चीन के वुहान की यात्रा पर जा रहा हूं जहां 27..28 अप्रैल को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अनौपचारिक शिखर बैठक होगी।’’
I will be visiting Wuhan, China on 27-28 April 2018 for an Informal Summit with Mr. Xi Jinping, President of the People's Republic of China.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 26, 2018
उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति शी और मैं द्विपक्षीय और वैश्विक महत्व के विविध विषयों पर व्यापक चर्चा करेंगे और विचारों का आदान प्रदान करेंगे। हम अपनी अपनी दृष्टि और राष्ट्रीय विकास के बारे में प्राथमिकताओं पर चर्चा करेंगे जिसमें खास तौर पर वर्तमान एवं भविष्य के अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य के विषय शामिल होंगे।' मोदी ने कहा कि इसमें भारत..चीन संबंधों के सामरिक और दीर्घकालिक पहलु के संदर्भ में समीक्षा की जायेगी। वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह चौथी चीन यात्रा होगी । वह 9 और 10 जून को क्विंगदाओ शहर में होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भी चीन जा सकते हैं ।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी के बीच की इस शिखर वार्ता को अनौपचारिक कहा गया है । ऐसा इसलिए कि इस वार्ता के दौरान किसी समझौते पर दस्तखत नहीं होगा । कोई साझा बयान जारी नहीं होगा और शिष्टमंडल स्तर की भी बातचीत जैसा मामला नहीं होगा । ये मौक़ा दोनों देशों के प्रमुखों के बीच अनौपचारिक सीधी आपसी बातचीत का होगा ।
डोकलाम विवाद के कारण दोनों देशों के संबंधों में आए खटास को दूर करने के लिये हाल के समय में दोनों पक्षों ने कई कदम उठाये हैं । इस दिशा में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल ने चीन की यात्रा की थी। इसके बाद, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आठ देशों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन गई थी । इसी दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी चीन के दौरे पर पहुंची ।
भारत और चीन के बीच कई ऐसे मुद्दे हैं जो दोनों देशों के रिश्तों की दृष्टि से अहम है । इनमें परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह :एनएसजी: में भारत की सदस्यता के मार्ग में चीन द्वारा बाधा डालना, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होते हुए वन बेल्ट वन रोड परियोजना जैसे विषय शामिल हैं । भारत वन बेल्ड वन रोड परियोजना का विरोध करता रहा है और उसका मानना है कि यह उसकी सम्प्रभुता के खिलाफ है।