लाइव न्यूज़ :

हेल्थ सेक्टरः  ‘दुनिया की फार्मेसी’, पीएम मोदी बोले-30 लाख लोगों को रोजगार, 100 से अधिक देशों को टीकों की 6.5 करोड़ खुराक का निर्यात किया

By भाषा | Updated: November 18, 2021 20:13 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने जो वैश्विक भरोसा हासिल किया है उसकी वजह से आज देश को ‘दुनिया की फार्मेसी’ कहा जा रहा है।

Open in App
ठळक मुद्दे‘‘खोज करने और भारत में निर्माण करने’’ की क्षमता का और भी उपयोग किया जाना चाहिए।करीब 13 अरब डॉलर के व्यापार अधिशेष तथा 30 लाख लोगों को रोजगार देने वाला फार्मा क्षेत्र है।देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में वर्ष 2014 से 12 अरब डॉलर से अधिक विदेशी निवेश आया है।

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत ने इस वर्ष 100 से अधिक देशों को कोविड-19 रोधी टीकों की 6.5 करोड़ खुराक का निर्यात किया और आने वाले दिनों में वह अपनी क्षमता में वृद्धि करने के बाद और भी खुराक निर्यात करेगा।

दवा क्षेत्र के प्रथम वैश्विक नवाचार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने जो वैश्विक भरोसा हासिल किया है उसकी वजह से आज देश को ‘दुनिया की फार्मेसी’ कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की दृष्टि नवोन्मेष के लिए एक ऐसा माहौल विकसित करने पर है जिससे देश, दवाओं की खोज और चिकित्सकीय उपकरणों के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी नीतियां सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के आधार पर बन रही हैं।’’

प्रधानमंत्री ने भारत को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता वाले वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी की व्यापक उपलब्धता का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘खोज करने और भारत में निर्माण करने’’ की क्षमता का और भी उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आज करीब 13 अरब डॉलर के व्यापार अधिशेष तथा 30 लाख लोगों को रोजगार देने वाला फार्मा क्षेत्र देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में वर्ष 2014 से 12 अरब डॉलर से अधिक विदेशी निवेश आया है। क्षेत्र की क्षमता इससे कहीं अधिक है।’’

उन्होंने इस क्षेत्र में निवेश करने वालों से भारत में निवेश करने का आग्रह भी किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत के दवा उद्योग में नवाचार के उत्‍कृष्‍ट परिवेश या माहौल को बढ़ावा देने के लिए विभिन्‍न प्राथमिकताओं पर चर्चा करना और रणनीति बनाने के लिए सरकार एवं उद्योग जगत के प्रमुख भारतीय व अंतरराष्ट्रीय हितधारकों, शिक्षाविदों, निवेशकों और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाना है।

इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान 12 सत्र होंगे और 40 से भी अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय वक्ता नियामकीय माहौल, नवाचार का वित्‍त पोषण या धनराशि की व्‍यवस्‍था करने, उद्योग-अकादमिक सहयोग और नवाचार संबंधी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं सहित कई विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।

इस शिखर सम्‍मेलन में देश-विदेश के फार्मा या दवा उद्योगों के प्रमुख सदस्य, अधिकारी, निवेशक और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जॉन हॉपकिन्स इंस्टीट्यूट, आईआईएम अहमदाबाद एवं अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के शोधकर्ता भाग लेंगे। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

मोदी का भगोड़े आर्थिक अपराधियों को संदेश; देश लौट आएं, कोई और चारा नहीं 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार ‘हाई-प्रोफाइल’ भगोड़े आर्थिक अपराधियों को स्वदेश लाने के लिए सभी तरीकों का इस्तेमाल कर रही है और उनके सामने देश लौटने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है। प्रधानमंत्री ने ऋण प्रवाह और आर्थिक वृद्धि पर एक परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भगोड़े आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के लिए हम नीतियों एवं कानून पर निर्भर रहे और कूटनीतिक माध्यमों का भी इस्तेमाल किया। संदेश एकदम साफ है-- अपने देश लौट आओ। हम इसके लिए अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं।’’

हालांकि, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में किसी आर्थिक अपराधी का नाम नहीं लिया। लेकिन उनकी सरकार ने पिछले कुछ समय में विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण की कोशिशें तेज कर दी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सक्रियता दिखाने से चूककर्ताओं से पांच लाख करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। हाल ही में गठित राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एनएआरसीएल) भी दो लाख करोड़ रुपये की दबावग्रस्त परिसंपत्तियों के निपटान में मदद करेगी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में उनकी सरकार आने के बाद से बैंकों की सेहत काफी सुधरी है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय बैंक देश की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करने के लिए अब मजबूत स्थिति में हैं। इससे भारत के आत्मनिर्भर बनने की राह आसान होगी।’’ इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने बैंकों से धन-संपत्ति एवं रोजगार के अवसर पैदा करने वालों को ऋण देने में सक्रियता दिखाने को भी कहा।

उन्होंने कहा कि बैंकों को अपने साथ देश के भी ‘बही-खाते’ को सुधारने के लिए सक्रियता से काम करना होगा। मोदी ने कहा कि बैंकों को कारोबार क्षेत्रों के फलने-फूलने में मदद के लिए अब पुरानी संस्कृति का त्याग कर कर्ज की 'मंजूरी देने वाले' की सोच से खुद को अलग करना होगा। उन्होंने बैंकों को कारोबार जगत के साथ भागीदार का मॉडल अपनाने की सलाह भी दी। उन्होंने पिछले छह-सात वर्षों में अपनी सरकार द्वारा किए गए सुधारों से बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति मजबूत होने की बात कही। 

टॅग्स :नरेंद्र मोदीदिल्लीडॉक्टरकोविड-19 इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

भारतVIDEO: कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के आगे घुटने टेक दिए, पीएम मोदी...

भारतVIDEO: नेहरू ने इसरो नहीं बनाया होता आपका मंगलयान ना होता, लोकसभा में प्रियंका गांधी

भारतउमर अब्दुल्ला ने बताया कैसे एक ठुकराई हुई लड़की ने पुलिस से अपने एक्स- बॉयफ्रेंड के बारे में शिकायत की और फिर हुआ दिल्ली ब्लास्ट की साज़िश का पर्दाफ़ाश

भारतटीएमसी सांसद ने PM मोदी द्वारा बंकिम चंद्र को ‘बाबू’ की जगह ‘दा’ कहने पर जताई आपत्ति, प्रधानमंत्री को भाषण के बीच में रोका, VIDEO

भारतजब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था?, पीएम मोदी ने कहा-संविधान का गला घोंट दिया गया था, वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतGoa Nightclub Fire: आग लगने के कुछ घंटों बाद मालिक इंडिगो फ्लाइट से फुकेट भागा, हादसे में 25 लोगों की हुई मौत

भारतVIDEO: कांग्रेस महिला विरोधी है, अपशब्द बोलते रहते हैं, कंगना रनौत...

भारतनवजोत कौर सिद्धू को उनके विवादित बयान के कारण कांग्रेस पार्टी से किया गया सस्पेंड

भारत'आप यहां चुनाव के लिए हैं, हम यहां देश के लिए हैं': प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी, बीजेपी पर हमला किया

भारतपहले LOC पर आग लगाओ, बारूदी सुरंगें नष्ट करो, फिर आतंकियों को धकेलने का रास्ता बनाओ: घुसपैठ के लिए पाक सेना के नए हथकंडे