'चंद्रयान-2' के चांद पर उतरने से पहले पीएम मोदी का संदेश, कहा- इस पल को जरूर देखें सभी हिंदुस्तानी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 6, 2019 13:46 IST2019-09-06T13:46:08+5:302019-09-06T13:46:08+5:30
‘चंद्रयान-2’ का लैंडर ‘विक्रम’ शनिवार तड़के चांद की सतह पर ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के लिए तैयार है। लैंडिंग से पहले पीएम मोदी ने सभी हिंदुस्तानियों से एक अपील की है।

'चंद्रयान-2' के चांद पर उतरने से पहले पीएम मोदी का संदेश, कहा- इस पल को जरूर देखें सभी हिंदुस्तानी
‘चंद्रयान-2’ का लैंडर ‘विक्रम’ शनिवार तड़के चांद की सतह पर ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के लिए तैयार है। और यह क्षण इसरो के वैज्ञानिकों के लिए ‘दिल की धड़कनों को थमा देने वाला’ होगा। भारत के लोग देश की इस ऐतिहासिक अंतरिक्ष छलांग की सफलता के लिए प्रार्थना करने के साथ ही शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात होने वाली ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की घड़ी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य राष्ट्रों की निगाहें भी इस मिशन पर टिकी हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों से एक अपील की है।
पीएम मोदी ने कई ट्वीट करते हुए लिखा, 'जिस घड़ी का 130 करोड़ भारतीयों को बेसब्री से इंतजार है वो आ गई है। अब से कुछ घंटे में चंद्रयान-2 लूनर साउथ पोल पर उतरेगा। पूरी दुनिया हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की उपलब्धि को देखेगी।'
उन्होंने लिखा, 'मैं इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए बहुत उत्साहित हूं। देश के अलग-अलग हिस्सों से युवा इस पल को देखने के लिए मौजूद रहेंगे।' उन्होंने कहा, '22 जुलाई 2019 को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के बाद से मैं लगातार अपडेट लेता रहता हूं। इस मिशन की सफलता करोड़ों भारतीयों को फायदा पहुंचाएगी।'
पीएम मोदी ने सभी से इस खास पल को देखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अपनी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर करें। कुछ को वो रीट्वीट भी करेंगे।
I urge you all to watch the special moments of Chandrayaan - 2 descending on to the Lunar South Pole! Do share your photos on social media. I will re-tweet some of them too.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 6, 2019
लैंडर ‘विक्रम’ शनिवार रात एक से दो बजे के बीच चांद पर उतरने के लिए नीचे की ओर चलना शुरू करेगा और रात डेढ़ से ढाई बजे के बीच यह पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा। ‘विक्रम’ अभी कक्षा में चंद्र सतह से इसके निकटतम बिन्दु लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है जहां से यह चांद की तरफ नीचे की ओर बढ़ना शुरू करेगा। इसरो ने कहा है कि ‘चंद्रयान-2’ अपने लैंडर को 70 डिग्री दक्षिणी अक्षांश में दो गड्ढों- ‘मैंजिनस सी’ और ‘सिंपेलियस एन’ के बीच ऊंचे मैदानी इलाके में उतारने का प्रयास करेगा।
अंतरिक्ष एजेंसी के अघ्यक्ष के. सिवन ने कहा कि प्रस्तावित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ दिलों की धड़कन थाम देने वाली साबित होने जा रही है क्योंकि इसरो ने ऐसा पहले कभी नहीं किया है। यान के चांद पर उतरने की प्रक्रिया को समझाते हुए सिवन ने कहा था कि एक बार जब लगभग 30 किलोमीटर की दूरी से संबंधित प्रक्रिया शुरू होगी तो इसे पूरा होने में 15 मिनट लगेंगे। लैंडर के चांद पर उतरने के बाद इसके भीतर से रोवर ‘प्रज्ञान’ बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस यानी के पृथ्वी के 14 दिनों की अवधि तक अपने वैज्ञानिक कार्यों को अंजाम देगा।
रोवर 27 किलोग्राम वजनी छह पहिया रोबोटिक वाहन है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस है। इसका नाम ‘प्रज्ञान’ है जिसका मतलब ‘बुद्धिमत्ता’ से है। यह ‘लैंडिंग’ स्थल से 500 मीटर तक की दूरी तय कर सकता है और यह अपने परिचालन के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा। यह लैंडर को जानकारी भेजेगा और लैंडर बेंगलुरु के पास ब्याललु स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क को जानकारी प्रसारित करेगा।
इसरो के अनुसार लैंडर में तीन वैज्ञानिक उपकरण लगे हैं जो चांद की सतह और उप सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा, जबकि रोवर के साथ दो वैज्ञानिक उपकरण हैं जो चांद की सतह से संबंधित समझ में मजबूती लाने का काम करेंगे। इसरो के अनुसार चांद का दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र बेहद रुचिकर है क्योंकि यह उत्तरी ध्रुव क्षेत्र के मुकाबले काफी बड़ा है और अंधकार में डूबा रहता है।
इसरो ने कहा है कि भारत के इस मिशन पर देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। पूरी दुनिया में लोगों को भारत के इस मिशन के पूर्ण होने का उत्सुकता से इंतजार है। वहीं, नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री जेरी लिनेंजर ने कहा है कि भारत का दूसरा चंद्र मिशन न सिर्फ देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे ले जाने में मदद करेगा, बल्कि अंतत: चांद पर मानव की स्थायी मौजूदगी स्थापित करने में उन सभी देशों की भी मदद करेगा जो अंतरिक्ष में जाने की क्षमता रखते हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर