VIDEO: 'डर पैदा करना जरूरी है' पीएम मोदी ने दी बड़ी चेतावनी...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 15, 2024 11:32 IST2024-08-15T11:32:58+5:302024-08-15T11:32:58+5:30

Strictest Punishment For Crimes Against Women: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता (एससीसी) की जोरदार वकालत करते हुए भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने का संकल्प व ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का सपना साकार करने का आह्वान किया और साथ ही बांग्लादेश में हिन्दुओं व अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता भी जताई।

PM Modi Says Strictest Punishment For Crimes Against Women kolkata doctor murder case | VIDEO: 'डर पैदा करना जरूरी है' पीएम मोदी ने दी बड़ी चेतावनी...

VIDEO: 'डर पैदा करना जरूरी है' पीएम मोदी ने दी बड़ी चेतावनी...

Highlightskolkata doctor rape and murder case: बांग्लादेश में हिन्दुओं व अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंताPM Modi on Kolkata Doctor Murder: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता (एससीसी) की जोरदार वकालत की

PM Modi Live: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता (एससीसी) की जोरदार वकालत करते हुए भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने का संकल्प व ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का सपना साकार करने का आह्वान किया और साथ ही बांग्लादेश में हिन्दुओं व अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता भी जताई। 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार 11वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराने के बाद इस प्रतिष्ठित ऐतिहासिक स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार और राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई और देश को ‘बाहरी ताकतों’ के खतरों से आगाह भी किया।

मोदी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और इसके बारे में उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लेख किया तथा इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग जी रहे हैं, वह सचमुच में साम्प्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता है। मैं चाहता हूं कि इस पर देश में गंभीर चर्चा हो और हर कोई अपने विचार लेकर आए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, ऊंच-नीच का कारण बन जाते हैं... उन कानूनों का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता। अब देश की मांग है कि देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो।’’ बार-बार चुनाव से देश की प्रगति में गतिरोध पैदा होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से की गई किसी भी योजना की घोषणा को अक्सर चुनावी नफे-नुकसान से जोड़ दिया जाता है। उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस बारे में देश में व्यापक चर्चा हुई है, सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे हैं और इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार की है।

उन्होंने कहा, ‘‘वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए देश को आगे आना होगा। मैं लाल किले से देश के राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं, देश के संविधान को समझने वाले लोगों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिए, भारत के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के सपने को साकार करने के लिए आगे आएं।’’ बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने वहां जल्द सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, ‘‘खासकर 140 करोड़ देशवासियों की यह चिंता है कि वहां हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। हमारे संस्कार है।’’ उन्होंने कहा कि मानव जाति की भलाई सोचने की प्रतिबद्धता के चलते बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा भारत की शुभेच्छा रहेगी। देश को ‘बाहरी चुनौतियों’ के खतरों से आगाह करते हुए मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे भारत ताकतवर बनेगा, उसकी चुनौतियां और बढ़ेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता। जब हम विश्व में समृद्ध थे, तब भी हमने विश्व को कभी युद्ध में नहीं झोंका। हम बुद्ध का देश हैं, युद्ध हमारी राह नहीं है।’’ भ्रष्टाचार के प्रति लोगों के गुस्से और राष्ट्र की प्रगति में होने वाले नुकसान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रहेगी, तीव्र गति से जारी रहेगी और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जरूर होगी। मैं उनके लिए भय का वातावरण पैदा करना चाहता हूं। देश के सामान्य नागरिक को लूटने की जो परंपरा बनी है उस परंपरा को मुझे रोकना है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में इतना महान संविधान होने के बावजूद कुछ ऐसे लोग हैं जो भ्रष्टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं और खुलेआम भ्रष्टाचार की जय-जयकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘समाज में इस प्रकार के बीज बोने का जो प्रयास हो रहा है, भ्रष्टाचार का जो महिमामंडन हो रहा है... भ्रष्टाचारियों की स्वीकार्यता बढ़ाने का जो निरंतर प्रयास चल रहा है, यह स्वस्थ समाज के लिए बहुत बड़ी चुनौती तथा चिंता का विषय बन गया है।’’ उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए 'स्वर्ण युग' है, खासकर वैश्विक संदर्भ में। उन्होंने लोगों से इस अवसर को हाथ से जाने नहीं देने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में उन्होंने देखा है कि वैश्विक निवेशक भारत में निवेश के लिए काफी उत्सुक हैं। उन्होंने राज्यों से स्पष्ट नीति के साथ आगे आने तथा उन्हें सक्रियता से आकर्षित करने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल केंद्र सरकार यह नहीं कर सकती क्योंकि इसके लिए राज्यों में निवेश करना होगा। प्रधानमंत्री ने स्थानीय निकायों से लेकर जिलों और राज्यों तक देश की तीन लाख से अधिक शासन इकाइयों से कहा कि वे लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए कम से कम दो सुधार करें। नागरिकों की गरिमा की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि किसी को यह शिकायत नहीं करनी चाहिए कि उन्हें वह नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए था।

हर क्षेत्र में आधुनिकता और प्रौद्योगिकी की जरूरत रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार इस पर काम कर रही है और इसकी नीतियों ने हर क्षेत्र को मजबूत किया है। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। स्वतंत्रता दिवस पर, अपने तीसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीछे छोड़ दिया। मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 के दौरान लाल किले की प्राचीर से 10 बार तिरंगा फहराया था। इस मामले में मोदी पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। नेहरू को यह सम्मान 17 बार और इंदिरा को 16 बार मिला था। आजादी के आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है और यह देश उनका ऋणी रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि देश के करोड़ों नागरिकों ने विकसित भारत के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं और इसमें हर देशवासी का सपना उसमें प्रतिबिंबित हो रहा है, हर देशवासी का संकल्प झलकता है।

English summary :
PM Modi Says Strictest Punishment For Crimes Against Women kolkata doctor murder case


Web Title: PM Modi Says Strictest Punishment For Crimes Against Women kolkata doctor murder case

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