देश के नाम पीएम मोदी का संबोधन, कहा- "विज्ञान आधारित था वैक्सीनेशन प्रोग्राम"

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 22, 2021 11:05 IST2021-10-22T10:34:44+5:302021-10-22T11:05:44+5:30

कोरोना के टीकाकरण पर बोलेत हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है।

PM Modi says India's vaccine drive relied heavily on 'science-based' approach | देश के नाम पीएम मोदी का संबोधन, कहा- "विज्ञान आधारित था वैक्सीनेशन प्रोग्राम"

पीएम मोदी

Highlightsइस उपलब्धि को बताया 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्तिपीएम मोदी ने कहा-विज्ञान आधारित था वैक्सीनेशन प्रोग्रामजनता से आने वाले त्योहारों में सावधानी बरतने की दी सलाह

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधन करते हुए कहा कि 21 अक्टूबर को भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज़ का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी है, इसलिए ये सफलता भारत की सफलता है, हर देशवासी की सफलता है। 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना, वैक्सीन खोजना, इसमें दशकों से उनकी महारथ थी। भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन्स पर ही निर्भर रहता था। आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं। भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना भी हो रही है। लेकिन, इस विश्लेषण में एक बात अक्सर छूट जाती है कि हमने ये शुरुआत कहाँ से की है। 

पीएम मोदी ने कहा, जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे। क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके? भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है। 

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश ने सबको साथ लेकर ‘सबको वैक्सीन-मुफ़्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया। गरीब-अमीर, गाँव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता! इसलिए ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर VIP कल्चर हावी न हो। 

पीएम मोदी ने कहा, कोरोना महामारी की शुरुआत में ये भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं कि भारत जैसे लोकतंत्र में इस महामारी से लड़ना बहुत मुश्किल होगा। भारत के लिए, भारत के लोगों के लिए ये भी कहा जा रहा था कि इतना संयम, इतना अनुशासन यहाँ कैसे चलेगा? लेकिन हमारे लिए लोकतन्त्र का मतलब है-‘सबका साथ’।

उन्होंने इस संबोध में भारत की उभरती अर्थव्यवस्था पर बोला, पीएम मोदी ने कहा, एक्सर्ट्स और देश-विदेश की अनेक एजेंसियां भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक है। आज भारतीय कंपनियों में ना सिर्फ रिकॉर्ड निवेश आ रहा है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बन रहे है। स्टार्ट अप्स में रिकॉर्ड्स इन्वेस्टमेंट्स आ रहे हैं। 

उन्होंने आत्मनिर्भर भारत पर देश की जनता से कहा, मैं आपसे फिर ये कहूंगा कि हमें हर छोटी से छोटी चीज, जो मेड इन इंडिया हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा। वहीं कृषि क्षेत्र की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के संकट में कृषि ने हमारी अर्थव्यवस्था को संभाले रखा।

कोरोना को लेकर पीएम मोदी ने बचाव और सावधानी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, कवच कितना ही उत्तम हो, कवच कितना ही आधुनिक हो, कवच से सुरक्षा की पूरी गारंटी हो, तो भी, जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डाले जाते।

पीएम मोदी ने जनता से आग्रह किया कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है। देश बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें हासिल करना जानता है। लेकिन, इसके लिए हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है। हमें लापरवाह नहीं होना है। पीएम मोदी ने जनता से मास्क पहनने का आग्रह किया। 

Web Title: PM Modi says India's vaccine drive relied heavily on 'science-based' approach

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