पीएम मोदी की "मन की बात" का बच्चा, असल जिंदगी में क्या है तुषार

By खबरीलाल जनार्दन | Updated: December 20, 2017 09:17 IST2017-12-20T08:19:31+5:302017-12-20T09:17:28+5:30

पीएम ने जिस बच्चे तुषार का जिक्र किया, वह मूक-बधिर है। लेकिन करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा है। आइए, बताते हैं तुषार की पूरी कहानी, कैसे ब‌िना बोले अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त कराया।

PM modi mann ki baat mp boy tushar open defecation free odf village | पीएम मोदी की "मन की बात" का बच्चा, असल जिंदगी में क्या है तुषार

पीएम मोदी की "मन की बात" का बच्चा, असल जिंदगी में क्या है तुषार

खबर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरी 'मन की बात' कार्यक्रम में एक आठ वर्षीय बच्चे तुषार का जिक्र किया। यह मन की बात गुजरात चुनाव से पहले बेहद अहम मानी जा रही थी। बीजेपी ने अपने सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया था कि सब लोग सड़क पर रेडियो लेकर उतरें, खुद कार्यक्रम सुनें और दूसरों को सुनाएं। खुद अमित शाह एक चौपाल पर बैठकर कार्यक्रम सुन रहे थे। उस कार्यक्रम में पीएम ने तुषार की जमकर तारीफ की।

तुषार उराड़े, मध्य प्रदेश के बालाघाट जिला के कुम्हरी गांव के रहने वाले हैं। वह मूक-ब‌धिर हैं। वह चौथी के छात्र हैं। गांव के प्राथमिक शाला में पढ़ते हैं। लेकिन बात यह है उनके चलते उनका गांव ओडीएफ (open defecation free-खुले में शौच से मुक्त) गांव बन गया है। वह पूरे गांव के एक भी शख्स को खुले में शौच नहीं करने देते हैं।

सारांश

15 अगस्त, 2014 को पीएम मोदी ने लाल किले से कहा, "मैंने यहां सरकार में आकर पहला काम सफाई का शुरू किया। लोगों को आश्चर्य हुआ, क्या ये प्रधानमंत्री का काम है? लोगों को लगता होगा प्रधानमंत्री के लिए यह छोटा काम होगा मेरे लिए बहुत बड़ा काम है। सफाई करना ये बहुत बड़ा काम है। क्या हमारा देश स्वच्छ नहीं हो सकता है? अगर सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं कभी गंदगी नहीं करूंगा तो दुनिया की कौन सी ताकत है जो हमारे शहर, गांव को आकर गंदा कर दे। क्या इतना सा संकल्प नहीं कर सकते। 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती आ रही है। इस अवसर पर हम उन्हें क्या दें? महात्मा गांधी को सबसे ज्यादा पसंद थी सफाई तो क्या हम तय करेंगे कि जब हम गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे तो हमारे गांव, हमारे शहर, हमारी गली, हमारे मुहल्ले, हमारे अस्पताल, हमारे स्कूल, हमारे मंदिर, सभी क्षेत्र में हम गंदगी का नामो निशान मिटा देंगे। ये सरकार से होता नहीं है। जनभावना की भागीदारी से होता है।" 

महात्मा गांधी के ऐसा आह्वान अर्से बाद किसी ने किया। महात्मा गांधी की खुद पर लिखी किताब, 'सत्य और उसके प्रयोग' का करीब 15 फीसदी हिस्सा उनके सफाई पर किए गए प्रयोगों के बारे में है। वह मलीन बस्तियों में जाकर मल-मूत्र की सफाई, कोढ़ी पीड़ितों की सफाई आदि का जिक्र करते हैं। पीएम मोदी ने उसी सपने को पूरा करने का आह्वान किया। मुमकिन है पीएम के आह्वान पर हा‌‌थ में झाड़ू उठाने वाले देश के तमाम दिग्गज नेता इसे भूल गए हों। लेकिन यह बात एक आठ साल के मूक-बधिर बच्चे को लग गई।

लोगों का लोटा छीनकर जला देता है तुषार

(पिक्चर कर्टसीः तुषार की सारी तस्वीरें बालाघाट से सुधीर शर्मा ने भेजी है।)

तुषार उराड़े के पिता संतोष उराड़े बताते हैं,  "वह करीब एक साल से हर रोज सुबह 4.30 बजे उठकर गांव की सड़कों पर लोटा लेकर जाने वालों को रोकता है। करीब आठ महीने पहले जिद करके उसने एक सीटी खरीदवाई। वह जहां भी किसी को खुले में शौच करते देखता सीटी बजाने लगाता है।" वह आगे बताते हैं, "तुषार जैसे ही किसी को लोटा लेकर सड़क किनारे जाते देखता है, सीटी बजाने लगता है। इशारों से उन्हें ऐसा ना करने को कहता है। क्योंकि वो बोल नहीं सकता। इसलिए उसने एक खास तरह के इशारे से लोगों को घर में शौचालय बनाने को कहता है।'

तुषार के पापा के मुताबिक, "शुरुआत में उसे कई लोगों के गुस्से का शिकार भी होना पड़ा। कई बार वह रोने लगता। लेकिन लोगों को शौच न करने देता। कुछ ही समय बाद पंचायत के सरपंच एवं पंचों का सहयोग मिलने पर लोटा लेकर जाने वालों के लोटा छिनकर उनको जलाने का कार्य भी किया गया।"

असर

कुम्हारी गांव को ओडीएफ गांव घोषित कर दिया गया है। कलेक्ट्रेट की टीएल मीटिंग में स्वागत किया गया।

 तुषार के साथ कलेक्ट्रेट जाने वाले संतलाल उपवंशी ने बताया, 'तुषार के वहां पहुंचते ही सभी अधिकारी खड़े हो गए। प्रभारी कलेक्टर श्रीमती मंजूषा विक्रांत राय ने तुषार को डिजीटल लिस्निंग डिवाइस दी। मंजूषा ने तुषार की शिक्षा के लिए उचित प्रबंध कराने का भी विश्वास दिलाया।"


प्रतिक्रियाएं

पीएम मोदी ने "मन की बात" देश को संबोधित करते हुए तुषार का जिक्र किया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तुषार को बधाई दी है।

मेरा विचार

(भारतीय स्टेट बैंक नवेगांव शाखा के प्रबंधक श्री रवि हेडाउ ने तुषार को साइकिल गिफ्ट की।)

ऐसे किसी बच्चे खुलकर सपोर्ट करना चाहिए। पीएम को चाहिए था कि महज मन की बात में बोलने के लिए तुषार का नाम ना लें। बल्कि जमीनी स्तर पर भी तुषार की मदद करें। वह काम जो उनके चुने अधिकारियों को करना चाहिए था, पर उसे तुषार कर रहा है। हालांकि तुषार के घरवाले इस बात से खुश हैं कि प्रधानमंत्री ने तुषार का नाम लिया।

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