PM Modi in Maharashtra: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नासिक में श्री कालाराम मंदिर में पूजा अर्चना की। पीएम मोदी महाराष्ट्र दौरे पर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले शुक्रवार से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ किया। अयोध्या में भव्य तैयारी हो रही है।
मोदी कालाराम मंदिर पहुंचे। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम यहां पर रुके थे। इस मंदिर में भगवान राम के कई पदचिह्न देखे जा सकते हैं। राम की मूर्ति काले पत्थर से बनी है। इसे लिए इसे कालाराम कहा जाता है। मूर्ति काले पाषाण से बनी है। इस मंदिर में भगवान श्रीराम, माता सीता और अनुज लक्ष्मण को समर्पित है। 14 साल के वनवास के बाद पंचवटी में ठहरे थे।
ऐसी मान्यता है कि सरदार रंगारू ओढेकर नाम के शख्स के सपने में भगवान राम आए थे। काले रंग की मूर्ति के गोदावरी नदी में तैरते देखा था। सुबह-सुबह नदी किनारे पहुंचे और सचमुच में श्रीराम की कालेरंग की मूर्ति मौजूद थी। इस लाकर देवालय में स्थापित किया। बेहद खूबसूरत है।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान महाकाव्य रामायण की कथा सुनी। उन्होंने विशेष रूप से 'लंका कांड' वाला खंड सुना जिसमें भगवान राम की अयोध्या वापसी का गान है। रामायण को मराठी में प्रस्तुत किया गया और मोदी ने एआई अनुवाद के माध्यम से हिंदी संस्करण को सुना। मोदी ने मंदिर के पास स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
रामायण से जुड़े स्थानों में पंचवटी का विशेष स्थान है क्योंकि रामायण की कई महत्वपूर्ण घटनाएं इसी स्थान पर घटी थी। पंचवटी का अर्थ है पांच बरगद के पेड़ों वाली भूमि। किंवदंती है कि भगवान राम ने यहां अपनी कुटिया स्थापित की थी क्योंकि पांच बरगद के पेड़ों की उपस्थिति ने इस क्षेत्र को शुभ बना दिया था।
साथ ही उन्होंने कहा कि जो अनुभव उन्हें हो रहा है वैसा अनुभव उन्हें जीवन में पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भावुक हूं, भाव-विह्वल हूं। मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुजर रहा हूं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस स्वप्न को अनेक पीढ़ियों ने वर्षों तक एक संकल्प की तरह अपने हृदय में जिया, उन्हें उसे साकार होते हुए देखने का सौभाग्य मिला है।
मोदी ने एक ऑडियो संदेश में कहा कि उनके अंतर्मन की यह भाव यात्रा अभिव्यक्ति की नहीं बल्कि अनुभूति का अवसर है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हुए भी इसकी गहनता, व्यापकता और तीव्रता को शब्दों में बांध नहीं पा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सभी भारतीयों और भगवान राम के भक्तों के लिए पवित्र अवसर है और हर कोई 22 जनवरी को उस ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रहा है जब भगवान राम की प्रतिमा अयोध्या में स्थापित की जाएगी जिसे भक्त उनका जन्म स्थान मानते हैं।
उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह इस पवित्र पल के साक्षी बनेंगे। मोदी ने कहा कि प्रभु ने उन्हें ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के दौरान सभी भारतीयों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है और वह इसे ध्यान में रखते हुए 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वक्त किसी की भी भावना को शब्दों में बांधना मुश्किल है लेकिन वह कोशिश कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि शास्त्रों में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए लोगों के वास्ते सख्त और कठिन दिशा निर्देश हैं। उन्होंने कहा कि वह आध्यात्मिक यात्रा के कुछ विद्वानों के मार्गदर्शन में विशेष अनुष्ठान शुरू कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नासिक में धाम-पंचवटी से अनुष्ठान शुरू करेंगे जिसके बारे में माना जाता है कि भगवान राम ने वहां लंबा समय व्यतीत किया था। उन्होंने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद की जयंती भी है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ही तो थे जिन्होंने हजारों वर्षों से आक्रांतित भारत की आत्मा को झकझोरा था और आज वही आत्म-विश्वास भव्य राम मंदिर के रूप में हमारी पहचान बनकर सबके सामने है। उन्होंने कहा कि आज मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की मां माता जीजाबाई की जयंती भी है।
मोदी ने कहा कि उन्हें अपनी मां की याद आना भी स्वाभाविक है जिन्होंने जीवन के अंत तक माला जपते हुए सीता-राम का नाम भजा। उन्होंने कहा कि जब वह उस पवित्र पल के साक्षी बनेंगे तो उनके मन में 140 करोड़ भारतीय और उन अनगिनत लोगों की यादें होंगी जिनका एकमात्र ध्येय राम मंदिर का निर्माण रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जनता भी ईश्वर का एक रूप है और वह उनकी ऊर्जा साथ लेकर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करेंगे। उन्होंने लोगों से अपने विचार साझा करने और उन्हें आशीर्वाद देने का भी अनुरोध किया।