PM Modi in Kolkata: बेलूर मठ में रुके पीएम, आज विवेकानंद जयंती पर करेंगे युवाओं को संबोधित, वीडियो में देखें पीएम की संतों से मुलाकात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 12, 2020 09:26 IST2020-01-12T09:14:15+5:302020-01-12T09:26:24+5:30
बेलूर मठ में पीएम मोदी ने रात्री विश्राम किया। खबरों की मानें तो सुबह चार बजे की आरती में भी पीएम मोदी ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, वह आज यहां स्वामी विवेकानंद की जयंती पर भारी संख्या में मौजूद नौजवानों को संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (11 जनवरी) को पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे।
देश के प्रधानमंत्री अपने दो दिन के दौरे पर पश्चिम बंगाल पहुंचे हुए हैं। यहां पीएम मोदी का शनिवार रात को राजभवन में रूकना तय हुआ था, लेकिन वो यहां नहीं रूक कर बेलूर मठ पहुंच गए। उन्होंने रात्री विश्राम यहीं किया। खबरों की मानें तो सुबह चार बजे की आरती में भी पीएम मोदी ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, वह आज यहां स्वामी विवेकानंद की जयंती पर भारी संख्या में मौजूद नौजवानों को संबोधित करेंगे।
#WATCH West Bengal: Prime Minister Narendra Modi meets saints and seers at Belur Math,Howrah pic.twitter.com/V8rGenECS5
— ANI (@ANI) January 12, 2020
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (11 जनवरी) को पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। यहां उन्होंने सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की। इसके बाद पीएम मोदी ने हावड़ा ब्रिज के लाइट ऐंड साउंड शो का उद्घाटन किया। पीएम मोदी के साथ लाइट ऐंड साउंड शो कार्यक्रम में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और सीएम ममता बनर्जी भी शामिल हुईं।
बता दें कि यह परियोजना कोलकाता बंदरगाह ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ जश्न का हिस्सा है। यह नया शो पर्यटकों और मेट्रो शहर के लोगों के लिए एक आकर्षण बनने की उम्मीद है।
#WATCH West Bengal: Prime Minister Narendra Modi unveiled Dynamic Architectural Illumination with synchronised light & sound system of Rabindra Setu (Howrah Bridge) today, as a part of 150th anniversary celebrations of #Kolkata Port Trust pic.twitter.com/qzOFQBShJb
— ANI (@ANI) January 11, 2020
हावड़ा पुल को अंग्रेजों ने बनाया था और इसे 1943 में जनता के लिए खोला गया था। इस पुल ने उस पीपे के पुल का स्थान लिया था जो कोलकाता को हावड़ा से जोड़ता था। केपीटी ने 2018 में इस पुल के 75 वर्ष मनाये थे जिसे ‘गेटवे आफ कोलकाता’ के तौर पर जाना जाता है। पुल को 1965 में रवींद्र सेतु नाम दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के शीघ्र बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन की ओर से सीएए के खिलाफ आयोजित धरने में हिस्सा लिया।
ममता बनर्जी ने सीएए के खिलाफ पार्टी के धरना में कहा कि सीएए सिर्फ कागज पर ही रहेगा, यह कभी लागू नहीं होगा, हम इसकी अनुमति नहीं देंगे।