उत्तराखंडः पौड़ी-गढ़वाल बस हादसे में अबतक 48 लोगों की मौत, प्रधानमंत्री ने जताया शोक
By भाषा | Published: July 1, 2018 08:04 PM2018-07-01T20:04:49+5:302018-07-01T20:04:49+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के पौड़ी जिले में हुए बस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति आज संवेदना जाहिर की।
नई दिल्ली, 1 जुलाईः उत्तराखंड के पौड़ी-गढ़वाल में हुए दर्दनाक सड़क हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति आज संवेदना जाहिर की। राज्य पुलिस ने बताया कि रामनगर जा रही एक बस पौड़ी जिले के ग्वीन गांव में करीब 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी जिससे उसमें सवार कम से कम 48 लोग मारे गए और 12 घायल हो गए। बस में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया ‘‘उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुए बस हादसे को लेकर बहुत दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। बचाव अभियान जारी हैं और प्राधिकारी घटनास्थल पर हरसंभव सहायता मुहैया करा रहे हैं।’’
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Extremely saddened by the bus accident in Pauri Garhwal, Uttarakhand. My deepest condolences to the bereaved families. I pray that those injured recover at the earliest. Rescue operations are underway and authorities are providing all possible assistance at the accident site: PM
— PMO India (@PMOIndia) July 1, 2018
पौड़ी के पुलिस अधीक्षक जगत राम जोशी ने बताया कि पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) बचाव अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। बस से सभी शवों को निकाल लिया गया है। उत्तराखंड के राज्यपाल के के पॉल और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दुर्घटना में लोगों की मौत को लेकर अफसोस जाहिर किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है।
आपको बता दें कि बस में कुल 60 यात्री सवार थे, जिसमें से 48 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है और 12 लोग घायल बताये जा रहे हैं। मरने वालों में 22 पुरुष, 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक दुर्घटना ग्रस्त हुई बस सेना से रिटायर्ड कर्मी की बताई जा रही है। जिस बस की यात्री क्षमता 32 लोगों की थी, लेकिन बस में क्षमता से 28 सवारी ज्यादा बैठाई गई थी।
इस दर्दनाक दुर्घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसकी जद में परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग और पुलिस आ रही है। आखिर जब बस चेकपोस्ट से होकर निकली होगी तब संबंधित विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों ने बस को चेक क्यों नहीं किया? बस हादसे ने एक बार फिर ये सवाल जरूर खड़ा कर दिए हैं कि आखिर इस दर्दनाक दुर्घटना के लिए कौन जिम्मेदार है?
(*इस खबर को लोकमत डेस्क से एडिट किया गया है)
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