'गलवान में हुई हिंसक झड़प का PM मोदी ने चीन से 5521 करोड़ रुपये उधार लेकर दिया 'मुंहतोड़ जवाब'', असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को घेरा
By स्वाति सिंह | Published: September 17, 2020 02:47 PM2020-09-17T14:47:18+5:302020-09-17T14:53:02+5:30
इसके पहले ओवैसी ने सरकार को घेरते हुए कहा था कि 'सर्वदलीय बैठक में आपने कहा था कि किसी भारतीय क्षेत्र पर कब्जा नहीं है और कोई घुसपैठ नहीं हुई है? फिर गलवान में हमने 20 बहादुर सैनिक कैसे खो दिए?
नई दिल्ली: चीन मुद्दे को लेकर लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार ने गलवान में हुई हिंसक झड़प का 'मुंहतोड़ जवाब' चीन से उधार लेकर दिया है।
ओवैसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, '15 जून को चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान गंवा दी। उनके साथ अन्यायपूर्ण और निर्मम बर्ताव किया गया। चार दिनों बाद, 19 जून को प्रधानमंत्री ने चीन से 5,521 करोड़ उधार लेकर उसे 'मुंहतोड़ जवाब' दे दिया। यह हमारे जवानों के बलिदान का अपमान है।'
इसके पहले ओवैसी ने सरकार को घेरते हुए कहा था कि 'सर्वदलीय बैठक में आपने कहा था कि किसी भारतीय क्षेत्र पर कब्जा नहीं है और कोई घुसपैठ नहीं हुई है? फिर गलवान में हमने 20 बहादुर सैनिक कैसे खो दिए? उस रात क्या हुआ था? सरकार हमारे बंदी सैनिकों के बारे में सच क्यों नहीं बता रही है? आपने संसद को यह क्यों नहीं बताया कि आपने चीन से मांग की है कि LAC पर अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति जैसी यथास्थिति बनाए रखी जाय ? अथवा मौजूदा स्थिति को ही यथास्थिति माना जाए?'
बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं। दोनों पक्षों ने तनाव को कम करने के लिए पिछले कुछ हफ्तों में कई चरण की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ता की हैं। गलवान घाटी झड़प के बाद सेना ने भारी हथियारों के साथ हजारों अतिरिक्त सैनिकों को सीमा के पास अग्रिम चौकियों पर भेजा था।