नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अतिरिक्त पांच किलोग्राम मुफ्त अनाज की योजना को चार महीने यानी मार्च, 2022 तक बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के विस्तार को अगले साल मार्च तक मंजूरी दे दी है।
पिछले साल, सरकार ने कोविड -19 के प्रकोप के कारण हुए आर्थिक व्यवधानों के मद्देनजर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम द्वारा कवर किए गए सभी लाभार्थियों के लिए PM-GKAY की घोषणा की थी। यह योजना 30 नवंबर को समाप्त होने वाली थी। इस योजना के तहत, सरकार लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करती है।
कोविड-19 महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन के बीच गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए यह योजना अप्रैल, 2020 में तीन महीने के लिए शुरू की गई थी। तब से इसे कई बार बढ़ाया जा चुका है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सामान्य कोटे से अधिक पांच किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘पीएमजीकेएवाई को मार्च, 2022 तक चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि इससे राजकोष पर अतिरिक्त 53,344 करोड़ रुपये का बोझ आयेगा। उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई की कुल लागत इस विस्तार को मिलाकर लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। पीएमजीकेएवाई को कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुए संकट के दौरान तीन महीने (अप्रैल-जून 2020) के लिए शुरू किया गया था।
हालांकि, संकट जारी रहने के साथ, कार्यक्रम को और पांच महीने (जुलाई-नवंबर, 2020) के लिए बढ़ा दिया गया था। महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद, पीएमजीकेएवाई को एक बार फिर दो महीने (मई-जून, 2021) के लिए शुरू किया गया था और इसे आगे पांच महीने (जुलाई-नवंबर, 2021) के लिए बढ़ा दिया गया था।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 17 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 3.61 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ योजना के तहत स्वीकृत घरों की कुल संख्या 1.14 करोड़ हो गई है। एक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय मंजूरी एवं निगरानी समिति (सीएसएमसी) की बैठक में यह मंजूरी दी गई।
बयान के अनुसार, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि 1.14 करोड़ स्वीकृत घरों में से 89 लाख से अधिक का निर्माण किया जा रहा है और 52.5 लाख मकान लाभार्थियों को वितरित किए गए हैं। इसके अलावा सचिव ने राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को बिना देरी किए मुद्दों को हल करने के लिए कहा है ताकि घरों के निर्माण में तेजी लाई जा सके।