महरौली की विरासत इमारतों में रेस्तरां बनाने की योजना

By भाषा | Updated: August 8, 2021 18:40 IST2021-08-08T18:40:07+5:302021-08-08T18:40:07+5:30

plan to build restaurants in heritage buildings of mehrauli | महरौली की विरासत इमारतों में रेस्तरां बनाने की योजना

महरौली की विरासत इमारतों में रेस्तरां बनाने की योजना

(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, आठ अगस्त दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) अपने क्षेत्र के कम लोकप्रिय विरासत स्थलों को पर्यटन स्थलों के तौर पर पुन:जीवित करने और महरौली में विरासत भवनों का इस्तेमाल रेस्तरां के तौर पर करने की योजना बना रहा है।

दक्षिण दिल्ली के महापौर मुकेश सूर्यन ने रविवार को बताया कि महरौली की पुरानी इमारतों की स्थापत्य कला मुगल शैली में है और कल्पना की गई है कि इनमें रेस्तरां को सार्वजनिक निजी साझेदार मॉडल के आधार पर स्थापित किया जाए।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “ हम हमारे (दक्षिणी निगम के) साथ साझेदार बनने की इच्छुक निजी कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए जल्द टेंडर जारी करेंगे ताकि विरासत भवनों में सैलानियों और स्थानीय लोगों को आधुनिक सुविधा की पेशकश की जा सके और वे हमारी संस्कृति और स्थापत्य की सराहना कर सकें।”

महापौर ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने इस परियोजना में दिलचस्पी दिखाई है। उनके पास पुरानी दिल्ली में विरासत संपत्ति ‘हवेली धर्मपुरा’ है।

सूर्यन ने कहा कि दिल्ली में तीन प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरें हैं-- लाल किला, हुमांयू का मकबरा और कुतुब मीनार। ये सभी यूनीसेफ की सूची में शामिल हैं। लेकिन शहर में कई और अहम ऐतिहासिक स्थल हैं जिनके बार में लोग नहीं जानते हैं और रोज उनके आगे से गुजरते हैं जैसे पुराने गुंबद और मकबरे।

उन्होंने कहा, “ हमारा नजरिया है कि हमारे अधिकार क्षेत्र में आने वाली इन विरासती संपत्तियों को हम धरोहर निकायों के साथ साझेदारी में नवीकरण करके लोगों के सामने रखें ताकि स्थानीय लोग और सैलानी इन स्थानों पर आ सकें।”

एसडीएमसी ने हाल में ‘धरोहर संरक्षण प्रकोष्ठ’ का गठन किया है, जिसका मकसद उसके तहत आने वाले विरासत स्थलों का संरक्षण करना है। उसने 475 स्थलों की पहचान की है।

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने एसडीएमसी की ‘ग्लोरियस हैरिटेज’ नाम की किताब का बृहस्पतिवार को विमोचन किया है जिसमें 475 विरासत स्थलों में से 108 के बारे में जानकारी दी गई है।

सूर्यन ने कहा कि इस किताब से लोग, खासकर युवा पीढ़ी को विरासत स्थलों, प्राचीन भवनों और स्मारकों के बारे में जानकारी मिलेगी।

उन्होंने कहा कि इसकी ई-पुस्तक एसडीएमसी की साइट पर उपलब्ध है। दक्षिण दिल्ली के आर के पुरम, ग्रीन पार्क, चिराग दिल्ली और मुनिरका जैसे क्षेत्रों में भी कई स्मारक स्थल हैं, जो ऊंची इमारतों या अतिक्रमण की वजह से छुप गए हैं।

महापौर ने कहा, “हम अपने इन स्थलों से अतिक्रमण हटवाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से संपर्क करेंगे और फिर उनका नवीनीकरण करेंगे।

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Web Title: plan to build restaurants in heritage buildings of mehrauli

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