जन सुराज के माध्यम से बिहार की सियासत में सुचिता लाने का वादा करने वाले पीके को उपचुनाव में लेना पड़ा दागियों का सहारा

By एस पी सिन्हा | Updated: October 27, 2024 17:43 IST2024-10-27T17:43:01+5:302024-10-27T17:43:15+5:30

पचुनाव के लिए प्रशांत किशोर ने जिन चार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उनमें तीन दागी हैं। एक उम्मीदवार पर तो अपहरण तक का केस दर्ज है। जन सुराज के प्रत्याशियों पर हत्या की कोशिश, अपहरण, धोखाधड़ी, दंगा के आरोप हैं। 

PK, who promised to bring transparency in Bihar politics through Jan Suraj, had to take the help of tainted people in the by-election | जन सुराज के माध्यम से बिहार की सियासत में सुचिता लाने का वादा करने वाले पीके को उपचुनाव में लेना पड़ा दागियों का सहारा

जन सुराज के माध्यम से बिहार की सियासत में सुचिता लाने का वादा करने वाले पीके को उपचुनाव में लेना पड़ा दागियों का सहारा

पटना: बिहार की सियासत में सुचिता लाने का वादा करते हुए जन सुराज पार्टी का गठन करने वाले प्रशांत किशोर चुनावी मैदान में इससे दूर होते नजर आने लगे हैं। राजद पर गुंडाराज का आरोप लगाने वाले प्रशांत किशोर के द्वारा बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में खुद भी वही करते हुए नजर आ रहे हैं। उपचुनाव के लिए प्रशांत किशोर ने जिन चार उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उनमें तीन दागी हैं। एक उम्मीदवार पर तो अपहरण तक का केस दर्ज है। जन सुराज के प्रत्याशियों पर हत्या की कोशिश, अपहरण, धोखाधड़ी, दंगा के आरोप हैं। 

पीके के उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में अपने अपराध के रिकॉर्ड का खुलासा किया है। प्रशांत किशोर ने कैमूर जिले की रामगढ़ सीट से सुशील कुमार सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है। वहीं गया की बेलागंज सीट से प्रो. खिलाफत हुसैन का टिकट काटकर मोहम्मद अमजद को मैदान में उतारा है। इसी तरह से तरारी से एसके सिंह का टिकट काटकर अब किरण सिंह पर दांव खेला गया है। जबकि गया जिले के इमामगंज से प्रत्याशी जितेंद्र पासवान को टिकट मिला है। 

रामगढ़ सीट से जन सुराज के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह पर एनआई एक्ट में केस दर्ज हैं। उन पर कुल दो मुकदमे दर्ज हैं। पहले मुकदमे में आईपीसी की धारा 34, 307, 323, 341 और 504 के तहत केस दर्ज है। तो वहीं दूसरे मुकदमे में सेक्शन 138 और एनआई एक्ट में केस दर्ज हैं। इसी तरह से इमामगंज से प्रत्याशी जितेंद्र पासवान पर अपहरण और धमकी देने का मामला दर्ज है। जितेन्द्र पासवान को पीके ने डॉक्टर बताया है। लेकिन इंटरमीडिएट तक पढ़े लिखे जितेन्द्र एक ग्रामीण प्रेक्टिसनर हैं। 

वहीं जनसुराज ने उन्हें शिशु रोग विशेषज्ञ बताया है। ऐसे में इंटर की पढ़ाई किए जितेन्द्र पासवान कैसे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हैं यह अपने आप में हास्यास्पद हैं। उधर, बेलागंज से जन सुराज के उम्मीदवार मोहम्मद अमजद पर सबसे ज्यादा 5 मामले दर्ज हैं। सभी मामले काफी संगीन हैं। उन पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने, दंगा-फसाद कराने की धाराओं में पांचो मामले दर्ज हैं। प्रशांत किशोर के चार प्रत्याशियों में सिर्फ किरण ही एक मात्र ऐसी हैं, जिन पर कोई मामला दर्ज नहीं है। 

उल्लेखनीय है कि पीके ने पार्टी बनाने से महिलाओं को 40 फीसदी तक हिस्सेदारी देने का वादा किया था, लेकिन उपचुनाव में ऐसा होता नहीं दिख रहा है। हालांकि, उपचुनाव में उन्होंने तरारी विधानसभा सीट से किरण सिंह को टिकट दिया है। पहले यहां से एसके सिंह को उतारा गया था। जब एसके सिंह की दावेदारी फंसती नजर आई तो पीके ने उनका टिकट काट कर किरण सिंह को खड़ा कर दिया। इस तरह से पीके ने एक महिला को टिकट दिया है। एनडीए की ओर से दो महिलाएं ताल ठोक रही हैं। हम से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू तो वहीं जदयू से मनोरमा देवी को टिकट मिला है।

Web Title: PK, who promised to bring transparency in Bihar politics through Jan Suraj, had to take the help of tainted people in the by-election

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