सिर्फ लड़ने के लिए तैयार किए गए थे पिटबुल नस्ल के कुत्ते, जानिए कैसे बने पालतू

By शिवेंद्र राय | Updated: October 19, 2022 17:49 IST2022-10-19T17:46:58+5:302022-10-19T17:49:54+5:30

इंग्लैंड में पहली बार बुलडॉग और टेरियर नस्ल के कुत्तों का मिलन कराके पिटबुल को दुनिया में लाया गया था। शुरूआत में इन पिटबुल नस्ल के कुत्तों का काम केवल लड़ाई करना था। 15 से 28 किलोग्राम वजन और 55 सेंटीमीटर की उंचाई वाले पिटबुल कुत्ते बहुत आक्रामक होते हैं।

Pitbull breed dogs were prepared only for fighting, know how to become a pet | सिर्फ लड़ने के लिए तैयार किए गए थे पिटबुल नस्ल के कुत्ते, जानिए कैसे बने पालतू

सिर्फ लड़ने के लिए तैयार किए गए थे पिटबुल नस्ल के कुत्ते, जानिए कैसे बने पालतू

Highlightsपिटबुल पहली बार इंग्लैंड से बाहर निकलकर अमेरिका पहुंचेये शिकारी कुत्ते लोगों को जंगली जानवरों से निपटने में मदद करते थेपिटबुल को पालने पर अब प्रतिबंध दुनिया के कई देशों में है

नई दिल्ली: सदियों से कुत्ते इंसान के सबसे वफादार साथी माने जाते रहे हैं। हजारों साल से ये दो प्रजातियां एक दूसरे के साथ आराम से रह रही हैं। कुत्ता जो शुरुआत में एक शिकारी जंगली जानवर था उसकी ज्यादातर नस्लें अब पालतू  हैं।  उसने इंसान के दोस्त के तौर पर खुद को धीरे-धीरे ढाल लिया लेकिन आज भी कुत्तों की बहुत सी प्रजातियां ऐसी हैं जो आज तक अपना शिकारीपन नहीं छोड़ पाई हैं। कुत्तों की ऐसी ही एक प्रजाति है पिटबुल। हाल ही में पिटबुल द्वारा कई लोगों पर हमला करने, लोगों को बुरी तरह घायल करने और कुछ घटनाओं में लोगों को मार डालने की खबरें भी आईं। पिटबुल की आक्रामकता को देखते हुए कुछ स्थानीय नगर निगमों ने तो इन्हें पालने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

पिटबुल को पालने पर प्रतिबंध दुनिया के कई देशों में है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे पिटबुल की पूरी कहानी और जानेंगे कि कुत्तों की एक शिकारी नस्ल जो लड़ने के लिए तैयार की गई थी वह आखिर पालतू कैसे बनी।

क्या है पिटबुल का इतिहास

दुनिया में कुत्तों का इतिहास लगभग अठारह हजार साल पुराना माना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि आज से लगभग पंद्रह हजार साल पहले यूरोप में कुत्तों को पहली बार पालतू बनाया गया। अब पिटबुल की बात। इंग्लैंड में पहली बार बुलडॉग और टेरियर नस्ल के कुत्तों का मिलन कराके पिटबुल को दुनिया में लाया गया था। शुरूआत में इन पिटबुल नस्ल के कुत्तों का काम केवल लड़ाई करना था। तब के इंग्लैंड में जानवरों की लड़ाई मनोरंजन का खास जरिया थी। बाद में जब इंग्लैंड में पशुओ से हो रही क्रूरता के खिलाफ कानून बना तब जानवरों की लड़ाई रुक गई। हालांकि लोगों ने इसका नया तरीका भी खोज लिया। 

मनोरंजन के लिए एक गढ्ढे में चूहों को छोड़ा जाता था और बुलडॉग और टेरियर नस्ल के कुत्तों को इनका शिकार करने के लिए गढ्ढे में उतार दिया जाता था। जिसका कुत्ता एक निश्चित समय में सबसे ज्यादा चूहों का शिकार करता था वह वियजी होता था। पिटबुल को नाम भी इसी खेल के कारण मिला। दरअसल अंग्रेजी में गढ्ढे को पिट भी कहा जाता है। जब बुलडॉग और टेरियर नस्ल के कुत्तों के मिलन से नई प्रजाति आई तो उसका नाम ही पिटबुल हो गया।

15 से 28 किलोग्राम वजन और 55 सेंटीमीटर की उंचाई वाले पिटबुल कुत्ते बहुत आक्रामक होते हैं। पिटबुल पहली बार इंग्लैंड से बाहर निकलकर अमेरिका पहुंचे। अमेरिका आने के बाद पिटबुल का मिलन वहां की अन्य प्रजातियों से हुआ जिससे पिटबुल की चार और नस्लें विकसित हुईं। चूकि ये कुत्ते बेहद ताकतवर, फुर्तिले और कमाल के शिकारी थे इसलिए लोगों ने इन्हें बड़ी तादाद में पालना शुरू कर दिया। ये शिकारी कुत्ते लोगों को जंगली जानवरों से निपटने में मदद करते थे। साथ ही इनके रहते किसी दूसरे जानवर का घर में घुसना असंभव था। इस वजह से पिटबुल अमेरिका में बेहद मशहूर हुए।

लड़ने में माहिर, शिकार करने में तेज और किसी सैनिक की तरह बहादुर होने की वजह से पिटबुल पूरी दुनिया में लोकप्रिय हुए। लोगों ने इन कुत्तों को बड़े पैमाने पर पालतू बनाया लेकिन अब इनकी यही खूबी पिटबुल की बदनामी का कारण और उसकी दुश्मन बन गई है। हाल के दिनों में पिटबुल के लोगों पर हमले और उन्हें बुरी करह घायल करने की घटनाओं के बाद इन कुत्तों को पालने पर कई जगह प्रतिबंध लगा दिया गया है।

Web Title: Pitbull breed dogs were prepared only for fighting, know how to become a pet

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