बिना फॉर्म, पहचान पत्र के 2000 रुपये के नोट बदले जाने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में PIL दायर, जानिए याचिका में क्या दी गई है दलील
By भाषा | Updated: May 22, 2023 15:09 IST2023-05-22T15:04:21+5:302023-05-22T15:09:22+5:30
2,000 रुपये के नोटों को बिना फॉर्म या पहचान पत्र के बदले जाने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में मांग रखी गई है कि नोट संबंधित खातों में ही जमा कराए जाएं।

बिना फॉर्म, पहचान पत्र के 2000 रुपये के नोट बदले जाने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में PIL दायर (फाइल फोटो)
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय में, हाल में चलन से वापस लिए गए 2,000 रुपये के नोटों को बिना जरूरी फॉर्म या पहचान पत्र के बदले जाने के विरोध में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर की गयी। वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में दलील दी कि इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अधिसूचनाएं मनमानी, अतार्किक हैं और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती हैं।
'आतंकियों, भ्रष्ट लोगों ने जमा कर रखें हैं 2000 रुपये के नोट'
याचिका में कहा गया है कि बड़ी संख्या में नोट या तो लोगों के लॉकर में पहुंच गए हैं या ‘‘अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, मादक पदार्थ के तस्करों, खनन माफियाओं तथा भ्रष्ट लोगों ने जमा कर रखे हैं।’’ इसमें कहा गया है कि अधिक मूल्य के नोट में नकद लेनदेन भ्रष्टाचार का मुख्य स्रोत है तथा इन नोटों का आतंकवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद, कट्टरपंथ, जुआ, तस्करी, धन शोधन, अपहरण, वसूली, रिश्वतखोरी और दहेज आदि जैसे गैरकानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है।
याचिका के अनुसार, यह देखते हुए आरबीआई और एसबीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 2,000 रुपये के नोट केवल संबंधित बैंक खातों में ही जमा किए जाए।
बैंक खातों में 2000 रुपये के नोट जमा कराने की मांग
याचिका में कहा गया है, ‘‘हाल में केंद्र ने यह घोषणा की थी कि प्रत्येक परिवार के पास आधार कार्ड तथा बैंक खाता होना चाहिए। फिर क्यों आरबीआई बिना पहचान पत्र के 2,000 के नोट बदलने की अनुमति दे रहा है। यह बताना भी जरूरी है कि गरीबी रेखा से नीचे 80 करोड़ परिवारों को मुफ्त अनाज मिलता है। अत: याचिकाकर्ता आरबीआई तथा एसबीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध करता है कि 2,000 रुपये के नोट केवल बैंक खातों में ही जमा कराए जाएं।’’
इसमें कहा गया है कि 2,000 रुपये के नोट बैंक खातों में जमा कराने से उन लोगों की आसानी से पहचान हो सकेगी जिनके पास काला धन और आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति है।
30 सितंबर तक नोट बदलने की है समयसीमा
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। इन नोटों को बैंक खातों में जमा करने या बदलने के लिए जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने सभी स्थानीय प्रधान कार्यालयों के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि आम लोगों को एक बार में कुल 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों यानी 2,000 रुपये के दस नोटों को बदलने के लिए किसी फॉर्म की जरूरत नहीं होगी। बैंक ने 20 मई के पत्र में कहा, ‘‘विनिमय के समय कोई पहचान प्रमाण प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है।’’