प्रधान पद का आरक्षण खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
By भाषा | Updated: April 2, 2021 16:54 IST2021-04-02T16:54:21+5:302021-04-02T16:54:21+5:30

प्रधान पद का आरक्षण खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
प्रयागराज, दो अप्रैल इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव, 2021 में गोरखपुर के चवरियां बुजुर्ग, चवरियां खुर्द (ब्लाक कौरी राम) और महावर कोल (ब्लाक ब्रह्मपुर) में प्रधान पद के लिए आरक्षण समाप्त करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति एस एस शमशेरी की पीठ ने गोरखपुर के परमात्मा नायक और अन्य दो लोगों द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए यह आदेश पारित किया।
सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता बिपिन बिहारी पांडेय ने कहा कि इस रिट याचिका में दम नहीं है क्योंकि 26 मार्च, 2021 को राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायत चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी और संविधान के अनुच्छेद 243-0 में उल्लिखित संवैधानिक बाध्यता के मद्देनजर इस याचिका को खारिज करना उचित है।
इस याचिका में अदालत से संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। इस रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग का कोई भी व्यक्ति उपलब्ध नहीं है। इस रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी है।
याचिका में यह निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया गया था कि राज्य के अधिकारी बांसगांव, गोला, चौरी चौरा और कैंपियरगंज के तहसीलदार की रिपोर्ट पर कार्यवाही ना करें क्योंकि इस रिपोर्ट के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट ने राज्य सरकार को सूचित किया है कि इस पूरे जिले में अनुसूचित जनजाति का कोई भी व्यक्ति उपलब्ध नहीं है।
राज्य सरकार की ओर से उठाई गई आपत्ति पर विचार करते हुए अदालत ने कहा, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 243-0 में उल्लिखित संवैधानिक बाध्यता को देखते हुए अदालत के लिए इस याचिका पर सुनवाई करना उचित नहीं होगा क्योंकि चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इसलिए यह रिट याचिका खारिज की जाती है।
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