नयी दिल्ली, एक जनवरी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि घोटाले की चपेट में आए पीएमसी बैंक से जमाकर्ताओं के पैसे निकालने की प्रक्रिया में देरी से बचने के लिए, ऐसे अनुरोधों को मंजूरी देने का अधिकार बैंक को दिया गया है।
देश के केंद्रीय बैंक ने यह बयान उच्च न्यायालय के उस निर्देश के जवाब में दायर एक हलफनामा में दिया है कि जमाकर्ताओं को आपात स्थिति में पांच लाख रुपये का भुगतान करने के संबंध में पीएमसी बैंक को छूट देने के बदले आरबीआई को इस पर स्वयं निर्णय करना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की एक पीठ ने कहा था कि चूंकि आरबीआई ने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक पर निकासी प्रतिबंध लगा दिया है, इसलिए केंद्रीय बैंक को मुश्किल परिस्थिति में भुगतान की अनुमति देने पर निर्णय लेना चाहिए था।
पीएमसी बैंक से जुड़े 4,355 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के बाद आरबीआई ने निकासी सीमित करने सहित कई प्रतिबंध लगाए हैं।
उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की। याचिका में आरबीआई को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं की शिक्षा, शादियों जैसी अन्य आवश्यक जरूरतों पर भी विचार करे। वर्तमान में केवल गंभीर चिकित्सा स्थिति में इसकी अनुमति है।
यह याचिका मिश्रा के अधिवक्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से दायर की गयी है। मिश्रा की मुख्य जनहित याचिका में कोरोना वायरस महामारी के दौरान पीएमसी बैंक से निकासी पर प्रतिबंध में ढील देने के लिए आरबीआई को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।