राजस्थान की जनता किसी का वोट बैंक नहीं? पिछली बार बीजेपी, तो इस बार कांग्रेस की जीत!
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: November 20, 2019 05:02 IST2019-11-20T05:02:29+5:302019-11-20T05:02:29+5:30
विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को अवसर दिया, तो लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को जीत दी. इस बार नगर निकाय के चुनाव में जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया है, जबकि इस बार जिन 49 स्थानीय निकाय में चुनाव हुआ है, वहां पहले ज्यादातर जगहों पर बीजेपी का राज था.

सीएम अशोक गहलोत ने कहा- उम्मीद और अपेक्षा के अनुकूल ही निकाय चुनाव में परिणाम आते दिख रहे है
राजस्थान की तीन नगर निगमों, 18 नगर परिषदों और 28 नगरपालिकाओं के लिए 16 नवंबर को वोटिंग के बाद मंगलवार, 19 नवंबर को चुनावी नतीजे आए हैं, जिनमें जनता ने शहरी सत्ता के लिए कांग्रेस को बीजेपी के मुकाबले ज्यादा पसंद किया है. इसके साथ ही एक बार फिर यह साफ हो गया कि राजस्थान की जनता किसी का वोट बैंक नहीं है, यह हर चुनाव में दलों में आस्था के बजाय अपने अनुभव और सरकार के काम के मूल्यांकन के आधार पर मतदान करती है.
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को अवसर दिया, तो लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को जीत दी. इस बार नगर निकाय के चुनाव में जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया है, जबकि इस बार जिन 49 स्थानीय निकाय में चुनाव हुआ है, वहां पहले ज्यादातर जगहों पर बीजेपी का राज था.
इस बार छह निकाय ऐसी हैं जहां पहली बार चुनाव हुआ है, लेकिन शेष 43 निकायों में से पिछली बार चुनाव में 35 बीजेपी और 7 कांग्रेस के कब्जे में थी.
चुनाव नतीजों को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने कहा- उम्मीद और अपेक्षा के अनुकूल ही निकाय चुनाव में परिणाम आते दिख रहे है...यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि सरकार जिस रूप में परफॉर्म कर रही है उसी रूप में जनता ने मैंडेट दिया है... मैं जनता को कहना चाहूंगा कि आप निश्चिन्त रहें, हम लोग काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे!