खोरी गांव में मकान टूटने की आशंका से लोग सदमे में, एक व्यक्ति ने की आत्महत्या

By भाषा | Updated: June 17, 2021 16:00 IST2021-06-17T16:00:45+5:302021-06-17T16:00:45+5:30

People in shock due to fear of house collapse in Khori village, one person committed suicide | खोरी गांव में मकान टूटने की आशंका से लोग सदमे में, एक व्यक्ति ने की आत्महत्या

खोरी गांव में मकान टूटने की आशंका से लोग सदमे में, एक व्यक्ति ने की आत्महत्या

फरीदाबाद/नयी दिल्ली, 17 जून उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद फरीदाबाद के गांव खोरी में मकान टूटने की खबरों से करीब 10 हजार परिवार सदमे में हैं और इस बीच एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि खोरी निवासी 55 वर्षीय गणेशीलाल ने मंगलवार को पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

गणेशीलाल के परिजनों ने कहा कि वे मूल रूप से दिल्ली के पहाड़गंज के रहनेवाले हैं और उन्होंने फरीदाबाद के खोरी गांव में मकान बनवाया था।

उन्होंने दावा किया कि गणेशीलाल उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मकान टूटने की आशंका से मानसिक तनाव में थे और इस कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली।

लोगों का कहना है कि गांव में करीब दस हजार परिवार हैं जिन्होंने अपनी तमाम पूंजी मकान बनवाने में लगा दी और अब मकान टूटने का खतरा सिर पर मंडराने से वे सदमे में हैं।

खोरी निवासी शीला, शबनम, आशा आदि महिलाओं का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उन्हें यह दिन भी देखना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि वे करीब 20-30 साल से खोरी गांव में रह रहे हैं और उन्होंने अधिकारियों तथा भू-माफिया को एक-एक ईंट लगाने का पैसा दिया है, ऐसे में अब उनके घरों को क्यों तोड़ा जा रहा है, उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा। हालात ऐसे हैं कि वे चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते क्योंकि अदालत के आदेशों का पालन जिला प्रशासन हर हालत में कराएगा।

उधर, उच्चतम न्यायालय ने खोरी गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमित की गई जमीन पर करीब 10,000 आवासीय निर्माणों को हटाने के लिए हरियाणा सरकार और फरीदाबाद नगर निगम को दिए अपने आदेश पर बृहस्पतिवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया।

शीर्ष अदालत ने कहा, “ हम अपनी वन भूमि खाली चाहते हैं।”

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने राज्य और नगर निकाय को इस संबंध में उसके सात जून के आदेश पर अमल करने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत उस आवेदन पर सुनवाई कर रही थी जिसमें गांव में आवासीय ढांचों को तोड़ने पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था।

न्यायालय ने सात जून को राज्य और फरीदाबाद नगर निगम को निर्देश दिया था कि गांव के पास अरावली वन क्षेत्र में सभी अतिक्रमण हटाया जाए और छह हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट सौंपी जाए।

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