लोगों को तीनों कृषि कानून वापस लेने के सरकार के फैसले पर भरोसा नहीं है : दिग्विजय
By भाषा | Updated: November 21, 2021 18:51 IST2021-11-21T18:51:21+5:302021-11-21T18:51:21+5:30

लोगों को तीनों कृषि कानून वापस लेने के सरकार के फैसले पर भरोसा नहीं है : दिग्विजय
ग्वालियर (मप्र), 21 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केन्द्र सरकार द्वारा विवादास्पद तीन कृषि कानून वापस लेने के फैसले के दो दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि अब भी लोगों को केन्द्र सरकार के इस निर्णय पर भरोसा नहीं है, क्योंकि भाजपा के कई लोग कह रहे हैं कि इन कानूनों को फिर से लाया जाएगा।
सिंह ने यह भी दावा किया कि अब भी केन्द्र की सरकार में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ही निर्णय करते हैं और पूरे मंत्रिमंडल में संवादहीनता की स्थिति है, जो संसदीय लोकतंत्र के विपरीत है।
दिग्विजय ने यहां बातचीत करते हुए कहा, ‘‘‘तीनों कृषि कानून वापस लेने का काम देर से हुआ है, लेकिन इस अवधि में 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो गई है। इन मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा? अब भी लोगों को इस निर्णय पर भरोसा नहीं है, क्योंकि भाजपा के कई लोग कह रहे हैं कि इन कानूनों को फिर से लाया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए जब तक किसानों की मांग के मुताबिक संसद में निर्णय नहीं होता है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अनिवार्यता नहीं होती है, तब तक भरोसा नहीं होगा।’’
दिग्विजय ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार में संवादहीनता की स्थिति है। मंत्रिमंडल में ही संवादहीनता है। पूरी सरकार में केवल नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ही निर्णय लेते हैं, जो लोकतंत्र के ठीक विपरीत है। हमने संसदीय लोकतंत्र को अपनाया है और उसमें प्रधानमंत्री और दूसरे मंत्री सभी बराबर हैं। केवल प्रधानमंत्री नंबर एक हैं, इसलिए सभी से चर्चा करके निर्णय़ लिया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के किसानों की बहादुरी की प्रशंसा होनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने पूरी तरह महात्मा गांधी जी के बताए रास्ते पर शांति और अहिंसक तरीके से आंदोलन चलाया।
जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान को बड़ा भाई बताया है तो दिग्विजय ने कहा, ‘‘यह तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछा जाना चाहिए, जो बिना बुलाए पाकिस्तान चले गए थे।’’
वह दिसंबर 2015 में मोदी के पाकिस्तान के औचक दौरे के बारे में जिक्र कर रहे थे।
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