पेगासस फोन जासूसी मामलाः फिर सामने आया जिन्न, जानें भारत में फोन टैपिंग का इतिहास
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 19, 2021 19:31 IST2021-07-19T19:18:30+5:302021-07-19T19:31:12+5:30
Pegasus Spying: जांच दुनिया भर से 50,000 से अधिक फोन नंबरों की लीक हुई सूची पर आधारित है और माना जाता है कि इजरायली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस सॉफ्टवेयर के माध्यम से संभवतया इनकी हैकिंग की गई है।

पेगासस फोन जासूसी मामलाः फिर सामने आया जिन्न, जानें भारत में फोन टैपिंग का इतिहास
Pegasus Spying: कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कई प्रमुख लोगों की कथित तौर पर जासूसी करवाने के मामले को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस प्रकरण की स्वतंत्र जांच करवाए जाने की मांग की।
आपको बता दें अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के खुफिया साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों। यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई है।
राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने लगाया था राजीव गांधी पर आरोप
देश में फोन टैप का मामला बहुत ही पुराना है। देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसद, बिजनेसमैन, सिनेमाजगत के सितारे के नाम पहले आ चुके हैं। देश के राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर फोन टैप का आरोप लगाया था।
1988 में कर्नाटक के तत्कालीन सीएम रामकृष्ण हेगड़े ने आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। हेगड़े के कार्यकाल में फोन टैप हुआ था। बाद में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने इल्जाम लगाया था कि नेशनल फ्रंट की सरकार फोन टैप कर रही है।
अमर सिंह ने लगाया था आरोप
2006 में सपा के तत्कालीन सांसद अमर सिंह ने कहा कि यूपीए की सरकार आईबी के लोगों से मेरा फोन टैप करा रही है। सपा सांसद अमर सिंह ने कहा कि यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और केंद्र सरकार फोन टैपिंग कर रही है। संसद में बहुत ही हंगामा हुआ था।
उद्योगपतियों रतन टाटा और मुकेश अंबानी की कंपनियों के लिए जनसंपर्क का काम कर चुकीं नीरा राडिया के फोन टैप का मामला सामने आया, लेख में दावा किया गया था कि उद्योग जगत के लोग, नेताओं और मीडियाकर्मियों ने ए राजा को दूरसंचार मंत्री बनाए रखने के लिए गोलबंदी की थी।
प्रणब मुखर्जी ने कहा था फोन टैप हो रहा है
2011 में तत्कालीन वित्त मंत्री जो बाद में राष्ट्रपति बने, प्रणब मुखर्जी के नॉर्थ ब्लॉक स्थित ऑफिस में जासूसी का ऐसा ही एक मामला सामने आया था, आईबी ने इस मामले में जांच भी की थी, जिसके बाद आईबी ने अपनी जांच में 'कुछ भी नहीं पाएं जाने' की बात कही थी।
खबरों के मुताबिक प्रणब मुखर्जी ने मनमोहन सिंह से अपने दफ्तर में 16 जगहों पर पाएं गए कुछ संदिग्ध उपकरणों को लेकर खुफिया जांच करवाने की बात कही थी। इस प्रकरण को लेकर मुखर्जी ने बाद में पत्रकारों से कहा था कि इंटेलिजेंस ब्यूरो की जांच में कुछ नहीं पाया गया।


