महबूबा मुफ्ती ने भाजपा को दी श्रीलंका से सबक सीखने की सलाह, कहा- अगर देश की जनता पर लगते रहे देशद्रोह के आरोप तो पड़ोसी मुल्क से बदतर हो जाएगी स्थिति
By मनाली रस्तोगी | Published: May 11, 2022 02:55 PM2022-05-11T14:55:40+5:302022-05-11T14:57:06+5:30
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का कहना है कि भारत को श्रीलंका के मौजूदा हालात से सबक लेना चाहिए, क्योंकि देश उसी राह पर आगे बढ़ रहा है जिस रास्ते पर पड़ोसी देश है। मुफ्ती ने ये भी कहा कि अगर हमारा देश छात्रों, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों पर देशद्रोह के आरोप लगाता रहा तो हमारी स्थिति श्रीलंका से भी बदतर हो जाएगी।
श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। इसी क्रम में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हमारा देश छात्रों, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों पर देशद्रोह के आरोप लगाता रहा तो हमारी स्थिति श्रीलंका से भी बदतर हो जाएगी। उम्मीद है कि भाजपा श्रीलंका से सबक सीखेगी और सांप्रदायिक तनाव, बहुसंख्यकवाद को रोकेगी।
#WATCH | Srinagar, J&K: If our country continues to slap sedition charges on students, activists, journalists...our situation will become worse than Sri Lanka...Hoping BJP learns a lesson from Sri Lanka & stops communal tensions, majoritarianism: PDF chief Mehbooba Mufti pic.twitter.com/REI6xJpIp9
— ANI (@ANI) May 11, 2022
अपनी बात को जारी रखते हुए मुफ्ती ने कहा कि भारत को श्रीलंका के मौजूदा हालात से सबक लेना चाहिए, क्योंकि देश 'उसी राह पर आगे बढ़ रहा है' जिस रास्ते पर पड़ोसी देश है। श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इससे कुछ घंटों पहले उनके समर्थकों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था।
इसके बाद देश में कर्फ्यू लगाना पड़ा और राजधानी में सेना तैनात कर दी गई। इस हमले के बाद राजपक्षे के समर्थक नेताओं के विरुद्ध बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। वहीं, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने ट्वीट किया, "श्रीलंका में जो कुछ भी हुआ उससे सबक लेना चाहिए। वर्ष 2014 से भारत को सांप्रदायिक भय की ओर धकेला जा रहा है। यह उसी अतिराष्ट्रवाद और धार्मिक बहुसंख्यकवाद के रास्ते पर जा रहा है। सामाजिक तानेबाने और आर्थिक सुरक्षा को इसकी कीमत चुकानी होगी।"
(भाषा इनपुट के साथ)