पायल ताड़वी सुसाइड केस: आरोपी डॉक्टरों को थी सुसाइड नोट की जानकारी, नष्ट करने का किया प्रयास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 6, 2019 09:40 AM2019-07-06T09:40:39+5:302019-07-06T09:40:39+5:30
मुंबई के एक सरकारी अस्पताल की डॉक्टर पायल तड़वी द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट की तस्वीरें पुलिस को उनके मोबाइल फोन से बरामद हुई हैं।
तीन डॉक्टर साथियों द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने पर 22 मई को सुसाइड करने वाली डॉक्टर पायल ताड़वी के परिवार की तरफ से केस लड़ रहे वकील गुनरत्ना सदावर्ते का कहना है कि तीनों आरोपियों को सुसाइड नोट के बारे में पता था और उन्होंने उसे नष्ट करने का प्रयास भी किया। इस बात की पुष्टि फॉरेंसिक विभाग ने फोन में मिले सुसाइड नोट के स्क्रीनशॉट के आधार पर किया है।
वकील ने कहा कि फोन में मिले सुसाइड नोट में केवल जातिगत टिप्पणी के बारे में ही नहीं बल्कि उन तीनों महिला डॉक्टरों का नाम भी लिखा है जिन्हें पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने सबूतों को नष्ट करने के आरोप में इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 201 के तहत कार्रवाई शुरू कर दिया है।
Advocate Gunaratna Sadavarte: The suicide note not only mentions about the casteist abuses but also names the three senior women doctors arrested in the case. Police have initiated action under section 201 (destruction of evidence) of India Penal Code. (July 5) #Maharashtrahttps://t.co/K3VuerIxEQ
— ANI (@ANI) July 5, 2019
मुंबई के एक सरकारी अस्पताल की डॉक्टर पायल तड़वी द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट की तस्वीरें पुलिस को उनके मोबाइल फोन से बरामद हुई हैं। पायल तड़वी ने अपने तीन सीनीयर डॉक्टरों हेमा आहूजा, अंकिता खंडेलवाल और भक्ति मेहर द्वारा जातिगत टिप्पणी और उनके द्वारा दी जाने वाली मानसिक प्रताड़ना से आहत होकर जान दे दिया।
मामले में अहम साक्ष्य के तौर पर देखा जा रहा सुसाइड नोट अब तक नहीं मिला था। पुलिस को पायल के फोन में मिले सुसाइड नोट में लिखा गया है कि तीन महिला चिकित्सकों ने उनसे अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उसे डराया धमकाया। तीनों डॉक्टर- हेमा आहूजा, अंकिता खंडेलवाल और भक्ति मेहर- को तड़वी को खुदकुशी के लिये उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल तीनों न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।
वकील ने कहा कि तड़वी के फोन की फोरेंसिक जांच के दौरान सुसाइड नोट और आरोपी डॉक्टरों की तस्वीरें मिली हैं। वकील ने कहा कि तस्वीरों के प्रकाश में आने के बाद यह स्पष्ट है कि पीड़िता ने सुसाइड नोट लिखा था और यह पता लगाने की जरूरत है कि इसे किसने नष्ट किया। उन्होंने कहा कि पुलिस को मामले में आरोपियों की और हिरासत मांगनी चाहिए।
इस बीच तीन आरोपी डॉक्टरों ने पिछले हफ्ते बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर विशेष अदालत द्वारा 24 जून को उनकी जमानत याचिका खारिज किये जाने के फैसले को चुनौती दी थी। तीनों डॉक्टर 29 मई से जेल में हैं।