5 लाख रुपये का हर्जाना दो?, क्या है ‘वीरजी मलाई चाप वाले’ रेस्तरां ट्रेडमार्क विवाद, दिल्ली उच्च न्यायालय का अहम फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 23, 2025 18:49 IST2025-07-23T18:48:44+5:302025-07-23T18:49:40+5:30

पांचों प्रतिवादी दिल्ली, रायपुर, उत्तर प्रदेश और हरिद्वार में रेस्तरां और घर तक भोजन पहुंचाने की सेवा संचालित कर रहे थे और वे जोमैटो और स्विगी जैसे भोजन उपभोक्ता तक पहुंचाने वाले मंचों पर सूचीबद्ध थे।

Pay compensation Rs 5 lakh What 'Veerji Malai Chaap Wale' restaurant trademark dispute important decision Delhi High Court | 5 लाख रुपये का हर्जाना दो?, क्या है ‘वीरजी मलाई चाप वाले’ रेस्तरां ट्रेडमार्क विवाद, दिल्ली उच्च न्यायालय का अहम फैसला

सांकेतिक फोटो

Highlightsअदालत ने कहा कि प्रतिवादियों के पास गुण-दोष के आधार पर कोई बचाव नहीं था।अदालत वादी के पक्ष में पांच लाख रुपये का हर्जाना और लागत देने का निर्देश देती है।सेवाओं को वादी की सेवाओं के रूप में प्रस्तुत करने का स्पष्ट मामला स्थापित किया है।

 

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने कई भोजनालयों और खाने की घर तक आपूर्ति करने वाली कंपनियों को प्रसिद्ध ‘वीरजी मलाई चाप वाले’ रेस्तरां के ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने पर रोक लगा दी। अदालत ने ‘वीरजी मलाई चाप वाले’ रेस्तरां को मुकदमा खर्च के एवज में पांच लाख रुपये का भुगतान करने का भी आदेश दिया है। न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा कि प्रतिवादी भोजनालयों और खाद्य वितरण केंद्रों ने अंतरिम राहत प्राप्त होने के बावजूद रेस्तरां द्वारा दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन के मुकदमे का मुकाबला करने के लिए कोई भी अपेक्षित कदम नहीं उठाया।

अदालत ने कहा कि उसने पाया कि प्रतिवादियों के पास गुण-दोष के आधार पर कोई बचाव नहीं था। अदालत ने कहा कि भोजनालयों और घर तक खाना पहुंचाने वाली कंपनियों के आचरण के कारण न केवल उन पर लागत और क्षतिपूर्ति लगाना वांछित है, बल्कि यह आवश्यक भी है।

पीठ ने आठ जुलाई को दिये आदेश में कहा, ‘‘इस प्रकार, ऊपर उल्लिखित शर्तों के तहत पारित आदेश के अतिरिक्त और इस मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, यह अदालत वादी के पक्ष में पांच लाख रुपये का हर्जाना और लागत देने का निर्देश देती है।

प्रतिवादी संख्या 2 से 6 (भोजनालय और घर तक खाना पहुंचाने वाली कंपनी) में से प्रत्येक को वादी (रेस्तरां) को एक लाख रुपये का हर्जाना और लागत का भुगतान करना होगा।’’ अदालत ने पाया कि वादी ने ट्रेडमार्क और कॉपीराइट के उल्लंघन के साथ-साथ सेवाओं को वादी की सेवाओं के रूप में प्रस्तुत करने का स्पष्ट मामला स्थापित किया है।

पांचों प्रतिवादी दिल्ली, रायपुर, उत्तर प्रदेश और हरिद्वार में रेस्तरां और घर तक भोजन पहुंचाने की सेवा संचालित कर रहे थे और वे जोमैटो और स्विगी जैसे भोजन उपभोक्ता तक पहुंचाने वाले मंचों पर सूचीबद्ध थे। प्रतिवादी ‘वीर जी मलाई चाप वाले’, ‘द वीर जी मलाई चाप वाले’ और ‘वीरे दी मलाई चाप और काठी कबाब’ नाम से भोजनालय चला रहे थे।

Web Title: Pay compensation Rs 5 lakh What 'Veerji Malai Chaap Wale' restaurant trademark dispute important decision Delhi High Court

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