भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर की 22 विधानसभा सीट पर एनडीए की नजर?, 2020 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनाव में NDA को मिली करारी हार?
By एस पी सिन्हा | Updated: September 30, 2025 15:42 IST2025-09-30T15:41:23+5:302025-09-30T15:42:38+5:30
अभिनेता और गायक पवन सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए को बड़ी कामयाबी हासिल होते हुए दिख रही है। भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की भाजपा में लगभग वापसी हो गई है। मंगलवार को उन्होंने नई दिल्ली स्थित रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के सरकारी आवास पर उनसे मुलाकात की और पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद औपचारिक तौर पर पांच अक्टूबर को पवन सिंह भाजपा की फिर से सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। दिल्ली में उपेंद्र कुशवाहा के घर पर हुई इस अहम बैठक के दौरान भाजपा के बिहार प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े तथा पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा भी मौजूद थे।
#WATCH दिल्ली: अभिनेता और गायक पवन सिंह ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। pic.twitter.com/k9px5YJTEH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 30, 2025
#WATCH | BJP incharge for Bihar, Vinod Tawde says, "Pawan ji (singer Pawan Singh) is in the BJP, he will be in the BJP. Upendra Kushwaha (Rashtriya Lok Morcha chief) has given him blessings. In the upcoming election, Pawan ji will work actively for the NDA, as a BJP worker..." pic.twitter.com/j1wY2Tgebg— ANI (@ANI) September 30, 2025
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए विनोद तावड़े ने कहा कि पवन सिंह भाजपा में हैं और भाजपा में ही रहेंगे। वे एक कार्यकर्ता के रूप में एनडीए को मजबूत करने का काम करेंगे। वह भाजपा के साथ रहकर सभी काम करेंगे। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा पवन सिंह मिलकर काम करेंगे। शाहाबाद और मगध के लिए बेहतर के लिए मिलकर काम करेंगे।
बता दें कि, बीते दिनों पवन सिंह की भाजपा से दूरियां बढ़ गई थीं। उधर, इस बैठक को लेकर सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। दिल्ली में हुई इस मुलाकात से पटना तक का सियासी तापमान बढ़ गया है। पवन सिंह के आरा या किसी अन्य सीट से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें भी तेज हो गई हैं।
सियासत के जानकार मान रहे हैं कि पवन सिंह की एनडीए में वापसी से शाहाबाद क्षेत्र (भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर) की 22 विधानसभा सीटों पर गठबंधन को महत्वपूर्ण लाभ मिल सकता है। बता दें कि हाल ही में पवन सिंह ने बिजनेस टायकून अशनीर ग्रोवर के रियलिटी शो ‘राइज एंड फॉल’ को छोड़ दिया।
शो से बाहर आते समय पवन सिंह ने कहा कि मेरी जनता ही मेरा भगवान है और चुनाव के समय मेरा फर्ज है कि मैं उनके बीच रहूं। उल्लेखनीय है कि पवन सिंह ने पहले भी राजनीतिक मैदान में कदम रखा है। लोकसभा चुनाव के दौरान पवन सिंह भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन मन मुताबिक सीट नहीं मिलने के बाद पवन सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर काराकाट से उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में दोनों की हार हो गई थी और एनडीए को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।
इस सीट से भाकपा-माले के राजा राम सिंह लोकसभा की चुनाव जीते थे। यह अनुभव साबित करता है कि पवन सिंह की जमीन पर पकड़ मजबूत होती जा रही है। उनका प्रभाव केवल काराकाट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बक्सर और सासाराम में भी देखा गया, जहां भाजपा उम्मीदवारों को अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
अभी हाल ही में पवन सिंह की आरा में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता आरके सिंह से मुलाकात हुई थी। आरके सिंह ने इस दौरान पवन सिंह की राजनीतिक सक्रियता की सराहना की और कहा कि पवन सिंह को भाजपा में शामिल होना चाहिए। सूत्रों के अनुसार पवन सिंह की उपेंद्र कुशवाहा के बीच मुलाकात भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर कराई गई थी।
ख़ुद पवन सिंह पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वे विधानसभा चुनाव ज़रूर लड़ेंगे, लेकिन समय आने पर सीट और बाकी बातें स्पष्ट करेंगे। दिलचस्प बात यह है कि उनकी पत्नी ज्योति सिंह भी राजनीति में सक्रिय हो चुकी हैं और आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। ऐसे में पति-पत्नी दोनों का मैदान में उतरना बिहार की सियासत को और दिलचस्प बना देगा।