पटना: बीपीएससी अभ्यर्थियों के मुद्दे को लेकर पिछले कई दिनों से सत्याग्रह पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की एक और कोशिश को पटना जिला प्रशासन ने नाकाम कर दिया है। पीके को गिरफ्तार के बाद बेउर जेल प्रकरण और बिना शर्त बेल मिलने के बाद भी पीके सत्याग्रह पर हैं। पटना के मरीन ड्राइव इलाके में सत्याग्रह को लेकर पीके टेंट सिटी की निर्माण करा रहे थे, लेकिन पटना जिला प्रशासन ने उनके प्लान पर बुलडोजर चला दिया है। इसके साथ ही उनके खिलाफ अब प्राथमिकी की कार्रवाई चल रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशांत किशोर की ओर से पटना के मरीन ड्राइव में एक बा्र फिर से अनशन की तैयारी कर रहे थे। इसको लेकर ही मरीन ड्राइव परटेंट सिटी बनाने का काम चल रहा था। लेकिन इसकी भनक पटना जिला प्रशासन को लग गई और प्रशासन के वरीय अधिकारियों के साथ पुलिस ने प्रशांत किशोर के टेंट सिटी को बसने से पहले ही उजाड़ दिया।
इसको लेकर जन सुराज ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि जिस बिहार में गांधी ने चंपारण सत्याग्रह किया, उस बिहार में प्रशांत किशोर के आमरण अनशन से प्रदेश सरकार क्यों घबरा रही है? निजी जमीन पर बन रहे कैम्प का काम भी लोगों को पुलिस बल भेजकर रोका जा रहा है। दरअसल, 70 वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा में कथित धांधली के आरोप के बाद इसको लेकर सियासत शुरू हो गई थी।
परीक्षा को रद्द कराने के लिए एक तरफ जहां बीपीएससी अभ्यर्थी हंगामा कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरह विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच छात्रों के मुद्दे को लेकर जन सुराज के संरक्षक प्रशांत किशोर ने सत्याग्रह करने का एलान कर दिया और पटना के गांधी मैदान में बिना जिला प्रशासन की अनुमति के आमरण अनशन पर बैठ गए।
जिला प्रशासन द्वारा कई बार नोटिस दिए जाने के बाद जब पीके ने इसका संज्ञान नहीं लिया तो जिला प्रशासन के आदेश पर पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया। पीके को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया और पेशी के बाद कोर्ट ने शर्तों के साथ उन्हें बेल दे दी लेकिन पीके ने कोर्ट की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया और बेल लेने से मना कर दिया, जिसके बाद हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ और आखिरकार कोर्ट ने बिना शर्त पीके को जमानत दे दी।