Patliputra Lok Sabha seat: क्या लालू यादव अपनी ही बेटी का टिकट काट पाएंगे?, पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर विधायक रीतलाल यादव ने ठोका दावा
By एस पी सिन्हा | Updated: March 21, 2024 17:23 IST2024-03-21T17:22:25+5:302024-03-21T17:23:21+5:30
Patliputra Lok Sabha seat: ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या लालू अपनी ही बेटी का टिकट काट पाएंगे? रीतलाल यादव ने कहा कि लालू प्रसाद यादव चाहते हैं कि पाटलिपुत्र सीट से हम चुनाव जीतें।

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Patliputra Lok Sabha seat: बिहार की राजधानी पटना के हाट सीट के रूप में चर्चित पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर राजद में ही ठनती दिख रही है। दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव ने पाटलिपुत्र सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है। जबकि इस सीट से लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती चुनाव लड़ती रही हैं। इस बीच रीतलाल यादव ने कहा है कि खुद लालू यादव चाहते हैं कि वे पाटलिपुत्र सीट से चुनाव लड़ें। अब ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या लालू अपनी ही बेटी का टिकट काट पाएंगे? रीतलाल यादव ने कहा कि लालू प्रसाद यादव चाहते हैं कि पाटलिपुत्र सीट से हम चुनाव जीतें।
मेरी कहीं से भी कोई दावेदारी नहीं है, महागठबंधन का 40 सीट पर दावेदारी है। जो वो बोलेंगे उनके अनुसार हमें चलना है। हम लोग सिपाही हैं और तैयार रहते हैं। किसी पार्टी के द्वारा उम्मीदवार के नाम का खुलासा नहीं हुआ है। धीरे-धीरे सब हो जाएगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ही इसका जवाब देंगे। उन्हीं को अधिकृत किया गया है।
बता दें कि पाटलिपुत्र लोकसभा का अस्तित्व नए परिसीमन के बाद आया था। 2009 में पाटलिपुत्र सीट के लिए पहला चुनाव हुआ था। नए परिसीमन के बाद से इस क्षेत्र पर एनडीए का कब्जा रहा है। वर्ष 2009 में जदयू के रंजन प्रसाद यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को शिकस्त दी थी।
उसके बाद वर्ष 2014 और 2019 में हुए चुनाव में भाजपा के रामकृपाल यादव ने लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती को हराया था। पटना के पाटलिपुत्र सीट पर लड़ाई का एक कोण हमेशा से लालू परिवार ही रहा है। लालू यादव और उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती दोनों इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन बाप-बेटी में से कोई चुनाव जीत नहीं सका है।
2014 लोकसभा चुनाव हारने के बाद मीसा भारती राज्यसभा चली गई थीं, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में लालू परिवार और राजद ने एक बार फिर से मीसा भारती को ही मैदान में उतार दिया था। हालांकि लालू की बेटी को एक बार फिर से हार का मुंह देखना पड़ा था। अब कुछ ही दिनों में साफ हो जाएगा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र सीट लालू परिवार के पास रहेगी या परिवार से बाहर किसी दूसरे को मौका मिलेगा।