नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए मंगलवार (23 जून) को बाजार में एक टैबलेट उतारी। इस दवा का नाम 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) है।पतंजलि का दावा है कि ये कोरोना वायरस ( COVID-19) की सबसे पहली आयुर्वेदिक दवा है। दावा किया गया कि इससे सात दिन में ही कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज किया जा सकता है। वहीं, इसके कुछ ही घंटे बाद आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को इस औषधि में मौजूद विभिन्न जड़ी-बूटियों की मात्रा एवं अन्य ब्योरा यथाशीघ्र उपलब्ध कराने को कहा। आयुष मंत्रालय ने साथ में यह भी कहा कि विषय की जांच-पड़ताल होने तक कंपनी को इस उत्पाद का प्रचार भी बंद करने का आदेश दिया है। इस पूरे घटनाक्रम पर पतंजलि (Patanjali) के सीईओ (CEO) आचार्य बालकृष्ण ने सफाई देते हुए कहा है कि वो एक कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है।
सरकार के विज्ञापन रोकने पर पतंजलि के CEO ने कहा- वो एक कम्युनिकेशन गैप था
आचार्य बालकृष्ण ने 23 जून की देर रात ट्वीट किया और लिखा 'यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है। जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है। रैंडमाइज्ड प्लेसबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल्स के जितने भी स्टैंडर्ड पैरामीटर्स हैं, उन सभी को शत-प्रतिशत पूरा किया गया है। इसकी सारी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है।'
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमने नैदानिक परीक्षण के सभी मानदंडों को शत-प्रतिशत पूरा किया है और कंपनी ने दवाओं की संरचना का विस्तृत ब्योरा आयुष मंत्रालय को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से मंत्रालय को भेजे गए 11 पन्ने के जवाब में दवा और परीक्षण मंजूरी संबंधी पूरा ब्योरा उपलब्ध कराया गया है।
योगगुरु बाबा रामदेव ने जानें क्या-क्या कहा कोरोना की दवा 'कोरोनिल' के बारे में?
योगगुरु बाबा रामदेव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, इस दवा के अनुसंधान में पतंजलि और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों ने संयुक्त रूप से परीक्षण और क्लीनिक ट्रायल किया। उन्होंने कहा, '' पंतजलि ने सबसे पहले नैदानिक अध्ययन किया और दवा की खोज के लिए निर्धारित सभी नियमों का पालन करते हुए नैदानिक नियंत्रण परीक्षण (क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल) किया।''
आईसीएमआर जैसी सरकारी एजेंसी से दवा की मंजूरी लिए जाने के सवाल पर रामदेव ने कहा कि इन दवाओं का नैदानिक नियंत्रण अध्ययन दिल्ली, अहमदाबाद और मेरठ समेत कई शहरों में किया गया और आरसीटी (सांयोगिक नैदानिक परीक्षण) जयपुर आधारित राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान में किया गया।
उन्होंने कहा, '' क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (सीटीआरई) से मंजूरी मिलने और सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ऐसा किया गया। हमने ऐसे नैदानिक परीक्षण के लिए आधुनिक विज्ञान द्वारा तय सभी मानदंडों का पालन किया।''
जानें पतंजलि आयुर्वेद की 'कोरोनिल’ दवा पर आयुष मंत्रालय ने और क्या-क्या कहा?
आयुष मंत्रालय ने कहा था कि इस दावे के तथ्य और बताया जा रहे वैज्ञानिक अध्ययन के ब्योरे के बारे में उसे जानकारी नहीं है। पतंजलि को नमूने के आकार, स्थान एवं उन अस्पतालों का ब्योरा देने को कहा गया है, जहां अनुसंधान अध्ययन किया गया। साथ ही,संस्थागत नैतिकता समिति की मंजूरी भी दिखाने को कहा गया है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, संबद्ध आयुर्वेदिक औषधि विनिर्माता कंपनी को सूचित किया गया है कि आयुर्वेदिक औषधि सहित दवाइयों का इस तरह का विज्ञापन औषधि एवं चमत्कारिक उपाय (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम,1954 तथा उसके तहत आने वाले नियमों और कोविड-19 के प्रसार के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों से विनियमित होता है।
'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) के बारे में बाबा रामदेव ने क्या-क्या दावा किए हैं?
-योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल में गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल का मिश्रण है। उनके मुताबिक, यह दवा दिन में दो बार- सुबह और शाम को ली जा सकती है।
-योग गुरु बाबा रामदेव के मुताबिक कोरोनिल टैबलेट मंगलवार से मार्केट में मिलने लगेगी। अगले सोमवार को OrderMe नाम से एक ऐप लॉन्च किया जाएगा। जिससे आप ऑनलाइन दवा मंगा सकते हैं।
-योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा था, इस दवाई पर हमने दो ट्रायल किए हैं, 100 लोगों पर क्लीनिकल स्टडी की गई उसमें 95 लोगों ने हिस्सा लिया। 3 दिन में 69 प्रतिशत मरीज ठीक हो गए, 7 दिन में 100 फीसदी मरीज ठीक हो गए।
-योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि इस इस दवा का ट्रायल 280 लोगों पर किया गया है।