नयी दिल्ली, 15 जून केंद्र द्वारा ट्विटर को नोटिस जारी करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली एक संसदीय समिति ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के शीर्ष अधिकारियों को शुक्रवार को बयान दर्ज कराने और सोशल मीडिया मंच के दुरुपयोग की रोकथाम के लिये प्रतिवेदन देने को तलब किया है।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी संबंधित संसद की स्थायी समिति ने सोशल मीडिया मंचों को दुरुपयोग और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिये फेसबुक और ट्विटर समेत सोशल मीडिया की कई दिग्गज कंपनियों को तलब किया है।
स्थायी समिति की 18 जून को होने वाली बैठक के संदर्भ में जारी एक नोटिस के मुताबिक इसका एजेंडा “ट्विटर के प्रतिनिधियों के पक्ष को सुनना है जिसके बाद डिजिटल स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष जोर देने समेत नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा तथा सोशल/ऑनलाइन मीडिया मंचों के दुरुपयोग की रोकथाम पर इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी के प्रतिनिधियों के साक्ष्यों को देखना है।”
बैठक का नोटिस लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी किया गया है।
इस महीने ही केंद्र सराकर ने ट्विटर को “एक आखिरी नोटिस” जारी करते हुए उससे नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का अनुपालन करने को कहा था।
बीते कुछ महीनों में ट्विटर और केंद्र के बीच कई मुद्दों को लेकर टकराव देखने को मिला है।
ट्विटर को हाल में तब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था जब उसने उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और आरएसएस प्रमुख मोहन भावगत समेत इस संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के व्यक्तिगत अकाउंट के प्रमाणन वाली “ब्लू टिक” हटा दी थी।
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