संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक चलेगा। मंत्रिमंडल की संसदीय मामलों की समिति (सीसीपीए) की बैठक के बाद ये ऐलान किया गया है। यह सत्र मोदी सरकार के लिए काफी अहम होने वाला है। केन्द्र सरकार इस सत्र में दो महत्वपूर्ण अध्यादेशों को कानून बनाने की पूरी कोशिश करेगी।
पिछले दो वर्षों में शीतकालीन सत्र 21 नवंबर को शुरू हुआ था और जनवरी के पहले सप्ताह तक चला था। सरकार आगामी सत्र में अनेक विधेयक लाने के साथ ही दो महत्वपूर्ण अध्यादेशों को कानून बनाने की योजना पर काम कर रही है। एक अध्यादेश सितंबर में आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2019 में संशोधन के लिए जारी किया गया था।
सरकार ने अर्थव्यवस्था की सुस्ती को कम करने और इसे रफ्तार देने के लिए नयी तथा घरेलू निर्माण इकाइयों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर कम की है। दूसरा अध्यादेश भी सितंबर में जारी किया गया था जो ई-सिगरेटों और इसी तरह के उपकरणों की बिक्री, निर्माण तथा भंडारण पर प्रतिबंध से संबंधित है।