Monsoon Session: लोकसभा अध्यक्ष ने बहस के लिए स्वीकार किया अविश्वास प्रस्ताव, कांग्रेस के अलावा बीआरएस संसाद ने भी घेरा मोदी सरकार को
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 26, 2023 01:02 PM2023-07-26T13:02:40+5:302023-07-26T13:07:46+5:30
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
नयी दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। जानकारी के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष जल्द ही कांग्रेस के लोकसभा उपनेता और उत्तर पूर्व सांसद गौरव गोगोई द्वारा दिये गये अविश्वास प्रस्ताव के लिए बहस की तारीख जारी करेंगे।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आज सुबह 9:30 बजे लोकसभा महासचिव को सरकार के खिलाफ अविश्वास को नोटिस सौंपा था। जानकारी के अनुसार केवल कांग्रेस ही नहीं बीआरएस सांसद नामा नागेश्वर राव ने भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दायर किया है। लेकिन बीआरएस की ओर से यह अविश्वास प्रस्ताव स्वतंत्र रूप से से दायर किया क्योंकि केसीआर की पार्टी विपक्षी गठबंधन भारता का हिस्सा नहीं है।
मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दल भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर ला रहे हैं। संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों ने मांग की थी कि मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में बयान दें लेकिन मोदी सरकार ने विपक्ष की इस मांग को खारिज कर दिया और गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि वो इस मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन विपक्षी सदस्य गृहमंत्री शाह के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हुए।
विपक्षी गठबंधन इंडिया की अगुवाई कर रही मुख्य विपक्ष दल कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर अपने सांसदों को तीन-लाइन व्हिप जारी किया, जिसमें पार्टी ने अपने सांसदों को आदेश दिया है कि वो अविश्वास प्रस्ताव के दिन लोकसभा में उपस्थिति रहें और इसके पक्ष में वोट करें।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर मणिपुर में मौजूदा स्थिति और पीएम मोदी की कार्यशैली पर कहा कि मणिपुर बीते 83 दिनों से जारी लगातार हिंसा में जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री को उसकी कोई परवाह नहीं है। पीएम मोदी को मणिपुर पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उसके साथ ही विपक्ष मणिपुर में बढ़ती भयावह स्थिति में सुदार के लिए सरकार से एक औपचारिक और गंभीर बयान की मांग करती है।
मालूम हो कि बीते 9 साल के मोदी सरकार के दोहरे कार्यकाल में विपक्ष द्वारा लाया गया यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव है। यानी मोदी सरकार के साल 2014 से 2019 के कार्यकाल में एक और अब यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव है।
इसके पहले विपक्ष 20 जुलाई 2018 को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला चुका है। औऱ उसमें भाजपा नीत एनडीए को प्रचंड जीत मिली थी। साल 2018 के अविश्वास प्रस्ताव में 325 सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया और महज 126 सांसद ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया था।